Monday, November 10, 2025
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40 साल पुराने विवाद को महज़ 30 दिन में निपटाया, उच्च-न्यायलय ने थप-थपथाई युवा तहसीलदार ऋषभ शर्मा की पीठ..

पांवटा साहिब के तहसीलदार (Tehsildar) ऋषभ शर्मा ने एक खास काम करके अपने नाम एक अनोखा रिकॉड दर्ज किया है। इस रिकॉर्ड पर उच्च न्यायालय ने भी उनकी पीठ थप-थपथाई है। दरअसल, पिपलीवाला पंचायत में परिवार के बीच जमीन की तकसीम (distribution of land) का विवाद लगभग पिछले 40 साल से चल रहा था। विवाद इतना बड़ा और पेचीदा था की मामला हाई कोर्ट तक पहुँच गया था !

इसी बीच तहसीलदार ऋषभ शर्मा को माननीय उच्च न्यायालय से इस विवाद को निपटाने के आदेश दिए गए। हालांकि, आदेश में समय सीमा तय नहीं की गई थी, लेकिन युवा अधिकारी ने 40 साल से चले आ रहें विवाद को महज़ 30 दिन के भीतर ही निपटा लिया। और इस बारे माननीय उच्च न्यायालय को अवगत करवा दिया गया।

6 अगस्त को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा युवा तहसीलदार को प्रशंसा पत्र (Appreciation Letter) दिया गया, साथ ही उपायुक्त को ये भी आदेश दिए गए कि तहसीलदार ऋषभ शर्मा के इस कार्य का जिक्र उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (Annual Confidential Report) में इंगित किया जाए। बता दें कि हरेक अधिकारी व कर्मचारी की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) समूचे कैरियर में बेहद मायने रखती है। तहसीलदार स्तर के अधिकारी की एसीआर (ACR) एसडीएम या डीसी द्वारा लिखी जाती है। लेकिन इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने उपायुक्त को एसीआर में इस कार्य का जिक्र करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि 40 साल की मियाद काफी लंबी होती है। लाजमी तौर पर आपके जहन में एक सवाल ये भी उठ रहा होगा कि युवा राजस्व अधिकारी ने ऐसा क्या कर दिया, जो 40 साल का विवाद 30 दिन में ही सुलझ गया।

दरअसल, मिली जानकारी के मुताबिक युवा अधिकारी ने जमीन के तमाम हिस्सेदारों की बारीकी से काउंसलिंग (Counselling) की। साथ ही साथ उनके साथ सहजगम्य वातावरण में कई दोर की वार्तालाप हुई ! इस दौरान अधिकारी को कड़ी चुनौती का भी सामना करना पड़ा, क्योंकि ज़मीनी विवादों में तो अक़्सर लोग पारिवारिक रिश्तों का भी ख़्याल नहीं रखते और एक दूसरे के ख़ून के प्यासे हो जाते है और यहाँ तो एक हिस्सेदार द्वारा यमुना (Yamuna River) में कूदने तक की बात भी कही जा रही थी। कुल मिलाकर तमाम हिस्सेदारों की रजामंदी से तहसीलदार ने तकसीम के आदेश जारी कर दिए। जो की वाक़ई में काबिले तारीफ़ हैं!

एस.एल.ए.डी.आर.सी. परियोजना के तहत पांवटा, संगड़ाह और पच्छाद के किसानों को मिलेगा फसलों का मुआवजा

उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि कृषि पर निर्भर ग्रामीण समुदायों की सतत आजीविका परियोजना (एस.एल.ए.डी.आर.सी.) के एश्युरेंस फंड के तहत सिरमौर जिला के पांवटा, पच्छाद और संगड़ाह खंड में भारी बारिश के कारण नष्ट हुई किसानों की फसलों के नुकसान की भरपाई की जायेगी। उन्होंने इन क्षेत्रों के किसानों से खराब हुई फसलों की विस्तृत सूचना कृषि और बागवानी विभाग को उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। उपायुक्त सुमित खिमटा आज सोमवार को नाहन में एस.एल.ए.डी.आर.सी. की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। सुमित खिमटा ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित यह परियोजना जिला के तीन विकास खंडों पांवटा, संगड़ाह और पच्छाद में पायलट आधार पर की गई थी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत किसानों को अत्यंत विषम मौसम परिस्थितियों तथा जलवायु परिवर्तन से कृषि एवं बागवानी फसलों के नुकसान पर मुआवजे का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के एश्युरेंस फंड के तहत सिरमौर जिला के तीन खंडों को अभी तक 1.37 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है। इस परियोजना के तहत जहां जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे का प्रावधान है वहीं पर कृषि उत्पाद बढ़ाने के लिए छोटी और बड़ी सिंचाई योजनाओं के अलावा कृषि व बीज  सहित अन्य सुविधायें प्रदान करना भी शामिल है। उपायुक्त ने कृषि एवं बागवानी विभाग के अलावा पंचायती राज संस्थाओं तथा अन्य सम्बन्धित विभागों को  निर्देश दिए हैं कि पावंटा, संगड़ाह और पच्छाद विकास खंडों में भारी बारिश से जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं उन्हें एस०एल०ए०डी०आर०सी० के प्रावधानों के अनुरूप फसल मुआवजे की राशि के लिए फील्ड स्तर पर जाकर सभी औपचारिकतायें पूर्ण करवाने में किसानों को सहयोग करें। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण किसानों का बहुत नुकसान हुआ है और हम सभी को मिलकर किसानों की फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए गंभीरता से कार्य करना चाहिए। उप निदेशक कृषि राजेन्द्र ठाकुर, परियोजना निदेशक जिला ग्रामीण अभिकरण अभिषेक मित्तल, परियोजना निदेशक आत्मा साहब सिंह के अलावा, राजस्व, जल शक्ति, उद्योग, उद्यानिकी व अन्य सम्बन्धित विभाग के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला के सभी न्यायालयों में नौ सितंबर को !

धर्मशाला, 05 अगस्त। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन कांगड़ा जिला के सभी न्यायालयों में नौ सितंबर को किया जाएगा इसमें प्री लिटिगेशन, एनआई एक्ट, धन वसूली के मामले, श्रम विवाद, अपराधिक कंपाउडेबल मामले, एमएसीटी केस, वैवाहिक मामले, भूमि अधिग्रहण के मामले, राजस्व मामले, मोटर यान अधिनियम, सिविल मामलों के केस लगाए जाएंगे। यह जानकारी जिला विधिक साक्षरता प्राधिकरण की सचिव शिखा लखनपाल ने कहा कि लोक अदालतें लोगों को सस्ता तथा शीघ्र न्याय उपलब्ध करवाने के लिए आयोजित की जाती हैं। लोक अदालतों के माध्यम से केसों का निपटारा जल्द होता है इसके साथ ही दोनों ही पक्षों की सहमति पर ही फैसला लिया जाता है। सचिव ने आम जनता से अनुरोध करते हुए कहा कि वे अपने मामलों को शांतिपूर्वक समझौते के लिए लोक अदालत में भेंजे।

मलबे के नीचे दबा बच्चा, पहाड़ी से अचानक हुआ भूस्खलन..

सतौंन: शिलाई विधानसभा के प्रवेश द्वार सतौन-श्री रेणुका जी सड़क मार्ग पर टिक्कर खड्ड में पहाड़ी से अचानक भूस्खलन हो गया। इसकी चपेट में आने से एक स्कूली बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल बच्चे को 108 एंबुलेंस की सहायता से सिविल अस्पताल पांवटा साहिब लाया गया। जहां पर बच्चे का उपचार चल रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मनीष कुमार (14) पुत्र गुमान सिंह निवासी मानल तापड़ी ग्राम पंचायत भजौन का रहने वाला है और वह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सतौन में 9वीं कक्षा में पढ़ता है। शनिवार सुबह 8 बजे के करीब वह घर से पैदल बड़ी बहन व अन्य स्कूली बच्चों के साथ स्कूल के लिए निकला। जैसे ही बच्चे टिक्कर खड्ड के पास पहुंचे तथा खड्ड को पार कर रहे थे तो पहाड़ी से अचानक भूस्खलन हो गया। बाकी स्कूली बच्चों व अन्य लोगों ने भागकर जान बचाई तथा मनीष भूस्खलन की चपेट में आकर मलबे में दब गया।

वहीं मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए खड्ड में उतरकर बच्चे को मलबे से बाहर निकालने में जुट गए। कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को गंभीर अवस्था में मलबे से बाहर निकालकर 108 एंबुलेंस की सहायता से सिविल अस्पताल पांवटा साहिब पहुंचाया गया। जहां पर बच्चे का उपचार किया जा रहा है। बच्चे के टांगों व शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें लगी है तथा बच्चा खतरे से बाहर है।

मानल निवासी कपिल पुंडीर, कर्मवीर सिंह, लाल सिंह, विजेंद्र कपूर आदि ने बताया कि सतौन-श्री रेणुका जी सड़क पर टिक्कर खड्ड में बरसात में बहुत भूस्खलन होता है तथा हर साल वहां पर स्कूली बच्चे व क्षेत्र के ग्रामीण अपनी जान को जोखिम में डालकर पार करते है तथा कई बार टिक्कर खड्ड की चपेट में ग्रामीण व गाड़ियां आ चुकी है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के ग्रामीण कई वर्षों से टिक्कर खड्ड पर पुल बनाने की मांग कर रहे है लेकिन सरकार व प्रशासन का इस और कोई ध्यान नहीं है। उधर सिविल अस्पताल पांवटा साहिब के प्रभारी अमिताभ जैन ने बताया कि एक बच्चे को गंभीर अवस्था में सिविल अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया है तथा बच्चें का तुरंत चिकित्सकों ने उपचार शुरू कर दिया है और बच्चा अब खतरे से बाहर है।

मोबाईल चार्ज करते वक़्त 18 वर्षीय युवक की करंट लगनें से मौत !

बिलासपुर:- श्रीनयनादेवी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सलोआ में एक दर्दनाक हादसा पेश आया है। यहां संदोटी गांव के रामदास के हंसते खेलते परिवार पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब उनका 18 वर्षीय बेटा करंट लगने से अचानक इस दुनिया को छोड़ कर चला गया। युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर ले जाया गया है।

जानकारी के अनुसार सुबह विजय कुमार जब अपने मोबाइल को चार्ज करने के लिए बिजली की शॉकेट में डालने लगा, तो इस दौरान शॉकेट के साथ की तारों से युवक करंट की चपेट में आकर बेहोश हो गया। परिजन बेहोशी की हालत में तुरंत उसे घवांडल अस्पताल लेकर गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे सिविल अस्पताल आनंदपुर साहिब रैफर किया गया था, लेकिन अस्पताल ले जाते समय युवक ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस चौकी श्रीनयनादेवी से पुलिस टीम मौके पर पहुंची है। युवक की मौत से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बच्चे की आकस्मिक मौत से गरीब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतक के पिता दिहाड़ी लगाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री से दिल्ली में मिले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ,राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए माग़ी 2 हजार करोड़ की सहायता राशि..

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। मुख्यमंत्री ने भारी बारिश एवं बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने के लिए केंद्रीय समिति को प्रदेश में भेजने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्रीय समिति की अनुशंसा के अनुसार राज्य को शीघ्रातिशीघ्र राशि जारी करने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रदेश में क्षतिग्रस्त आधारभूत संरचना के पुनर्निर्माण में लगभग एक से दो वर्ष का समय लगेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने इत्यादि की घटनाओं से हुए भारी नुकसान से उन्हें अवगत करवाया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए 2 हजार करोड़ रुपये की तुरंत राहत प्रदान करने का आग्रह किया।
उन्होंने अवगत करवाया कि आपदा राहत के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र से प्राप्त निधि सम्बंधित विभागों और उपायुक्तों को राहत अभियान के लिए जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-2020 तथा वर्ष 2020-2021 के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत निधि के तहत लम्बित 315 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र जारी की जाए, क्योंकि अभी तक प्राप्त राशि प्रदेश में बड़े स्तर पर हुई क्षति के विपरीत बहुत कम है।
गृह मंत्री ने राज्य को हरसम्भव सहायता का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा भी उपस्थित थे।

सस्ता राशन मिलना हो सकता है बंद, अगर आपने अभी तक भी नहीं किया ये काम..

3 अगस्त। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने जिला के सभी उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि 15 अगस्त 2023 तक किसी भी उचित मूल्य की दुकान पर अपना ईकेवाईसी करवा लें ताकि सरकार द्वारा दिये जाने वाला सस्ता राशन उन्हें उपलब्ध हो सके।

जिला नियंत्रक खाद्य एवं आपूर्ति सिरमौर विजय सिंह ने कहा कि जो उपभोक्ता निर्धारित तिथि तक अपना ईकेवाईसी नहीं करवायेगा उसे सरकार द्वारा दिये जाने वाला राशन नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता के हितों को देखते हुए, ईकेवाईसी किसी भी उचित मूल्य की दुकान पर करवाई जा सकती है। जो उपभोक्ता निजी कारणों से अपने मूल स्थान के अलावा हिमाचल के किसी अन्य जिले में रह रहा है वह अपने नजदीकी उचित मूल्य की दुकान पर जाकर अपना इकेवाईसी करवा सकता है, यह सुविधा हर जगह उपलब्धा है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) ने जारी किया फ़रमान इन 20 विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं होगी मान्य..

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बुधवार को 20 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित कर दिया और उन्हें कोई भी डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं है। दिल्ली में ऐसे विश्वविद्यालयों की संख्या 8 है, जो सर्वाधिक है। यू.जी.सी. सचिव मनीष जोशी ने कहा, “हमारे संज्ञान में यह आया है कि कई संस्थान यू.जी.सी. अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत डिग्री की पेशकश कर रहे हैं। ऐसे विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की गई डिग्री की न तो मान्यता होगी और न ही वे उच्च शिक्षा या रोजगार के उद्देश्य से मान्य होंगी। इन विश्वविद्यालयों को कोई भी डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं है!

दिल्ली में 8 फर्जी विश्वविद्यालय

यू.जी.सी. के अनुसार दिल्ली में 8 फर्जी विश्वविद्यालय ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट आफ पब्लिक एंड फिजिकल हैल्थ साइंसेज,, ‘कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, दरियागंज, ‘यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, वोकेशनल यूनिवर्सिटी,, ए. डी. आर. सैंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी,, ‘इंडियन इंस्टीच्यूशन आफ साइंस एंड इंजीनियरिंग,, ‘विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फार सैल्फ इम्प्लायमेंट और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय ।

यूपी में चार फर्जी विश्वविद्यालय

उत्तर प्रदेश में चार फर्जी विश्वविद्यालय हैं। इनमें गांधी हिंदी विद्यापीठ, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालय (मुक्त विश्वविद्यालय) और भारतीय शिक्षा परिषद शामिल हैं। इसके अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल में भी फर्जी विश्वविद्यालय हैं।

आंध्र प्रदेश में क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी, बाइबिल ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया को फेक घोषित किया गया है। पश्चिम बंगाल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन, इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च को फर्जी घोषित किया है। वहीं, कर्नाटक की बदगानवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी, केरल की सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी को फर्जी घोषित किया गया है। महाराष्ट्र की राजा अरबी यूनिवर्सिटी, पुडुचेरी की श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन भी इस लिस्ट में शामिल हैं।

आपदा से मिले हिमाचल के जख्मों पर गड़करी रूपी मरहम लगाने में कामयाब हुए जयराम..

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शुरू किया था तो उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि आपदा के ज़ख्म गहरे हैं जिन्हें भरने में बहुत समय और पैसे दोनों लगेंगे। जयराम यह बात भली भाती जानते थे इसी लिये दौरे के बीच ही वह दिल्ली पहुंचे। अपनी बात केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखकर बाढ़ हालात से उन्हें अवगत करवाया। सड़कों को बहुत नुकसान हुआ था जिसे बिना केंद्र की मदद के पटरी पर आना आसान नहीं था। जयराम ठाकुर दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी से मिले और उन्हें प्रदेश की सड़कों के हालत से अवगत करवाकर उनसे हिमाचल चलकर नुक़सान का जायजा लेने का आग्रह किया। जिसे नितिन गड़करी ने स्वीकार किया । लोकसभा की कार्यवाही के बीच हिमाचल आकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायज़ा लिया । जायज़ा लेने के बाद नितिन गड़करी ने माना कि जितना सोचा था उससे कहीं बहुत ज़्यादा नुक़सान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने गड़करी से प्रदेश की सड़कों को सुधारने के लिए जो भी सहायता मांगी, वह उन्होंने दे दी। नितिन गड़करी ने प्रदेश में सड़कों के सुधार के लिए कई ऐसी घोषणाएं की जिससे आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों और सरकार को बड़ी राहत मिलने वाली है। खास बात यह रही कि पक्ष और विपक्ष पहली बार एक ही हेलीकॉप्टर से नुकसान का जायजा लेने पहुंचा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का आभार जताते हुए कहा कि जिस प्रकार का सहयोग उन्होंने गाड़ी के अंदर हमारा आपदा की इस घड़ी में प्रदेश के लिए मदद को लेकर किया तो बाहर भी करें। हम उनके आभारी हैं वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को साथ लेकर हिमाचल पहुंचे! कुल्लू-मनाली के इस दौरे में सबकी जुबां पर एक ही बात थी कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ने इस आपदा की घड़ी में जमीन पर जिस प्रकार खामोशी से काम करते हुए केंद्र से अपने संबंधों के बल पर केंद्रीय मदद दिलाई है वो अभूतपूर्व है। आपदा ही घड़ी में ऐसा ही होना चाहिए।

यारी निभाने के चक्कर में प्रदेश पर गहरा आर्थिक बोझ डाल रही है सुखु सरकार:-त्रिलोक कपूर

शिमला, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने कहा आज से 7 माह पहले हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार प्रदेश की सेवा में कार्यरत थी और उस कालखंड के 5 वर्षों में कोविड जैसी अदृश्य और भयानक महामारी के बावजूद हिमाचल प्रदेश को जिस सकारात्मक सोच के साथ विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया था। उससे भाजपा ने आने वाले विधानसभा चुनावों में संकल्प का नारा दिया था की “राज नहीं रिवाज बदलेंगे”।
लेकिन रिवाज तो नहीं बदला राज बदल गया। इस राज बदलने में जो मुख्य भूमिका थी वह कांग्रेस की गराटीयो का एक बहुत बड़ा षड्यंत्र था।
कांग्रेस भी जानती थी कि इन गारंटीयो को जमीन पर उतारना कठिन ही नहीं बल्कि असंभव था। लेकिन कांग्रेस ने जानबूझकर एक बहुत बड़ा राजनीतिक जुआ खेल दिया और उस जुए के कारण कांग्रेस सत्ता हासिल करने में कामयाब हुई।
कांग्रेस को एक स्पष्ट बहुमत प्राप्त हो गया, लेकिन उनका मुख्यमंत्री उम्मीदवार तय नहीं हो पा रहा था और एक लंबी जद्दोजहद के बाद, मुर्दाबाद जिंदाबाद के नारों के बीच में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरभद्र सिंह गुट को पछाड़कर मुख्यमंत्री बनने में कामयाबी हासिल की।
मुख्यमंत्री ने शपथ लेने के बाद एक प्रेस वार्ता में कहा कि यह सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन है। हिमाचल की जनता को भी लगा कि इस प्रकार के बयान के पीछे सुखविंदर सिंह सुक्खू का कोई जादू है।
उसके बाद व्यवस्था परिवर्तन का जादू देखने को मिला पहले पूर्व सरकार के जितने भी निर्णय थे उसको अफसरशाही ने बदलकर हिमाचल प्रदेश के 1000 से ज्यादा ऐसे संस्थान चाहे वह शिक्ष, स्वास्थ्य और प्रशासन के क्षेत्र में थे उनको डिनोटिफाइड करके
व्यवस्था परिवर्तन का उदाहरण जनता के समक्ष रखा।
यह हिमाचल की इतिहास में पहली बार होगा कि सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद हिमाचल की जनता सड़कों पर सरकार के खिलाफ उतरी।
हिमाचल की जनता ने जब जानना चाहा कि इन कैबिनेट के निर्णय को बदलने के पीछे सरकार की मंशा क्या है, तो सरकार का उत्तर आया कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति इन संस्थानों को चलाने लायक नहीं है।
इतिहास इस बात का गवाह है कि सरकार बनने के बाद 1 महीने तक विधायकों की शपथ नहीं हो पाई और मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया।
व्यवस्था परिवर्तन का दूसरा उदाहरण सामने आया कि संवैधानिक रूप से हिमाचल प्रदेश में अपनी कुर्सी को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने 6 मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त कर एक बहुत बड़ा आर्थिक बोझ प्रदेश की जनता पर डाल दिया।
मुख्य संसदीय सचिव के रूप में सुंदर सिंह ठाकुर, मोहनलाल ब्रागटा, राम कुमार, आशीष बुटेल, किशोरी लाल और संजय अविस्थि  नियुक्त हुए।
दुर्गम क्षेत्र में जो बच्चे पढ़ रहे थे और स्वास्थ्य केंद्रों में जो जनता स्वास्थ्य लाभ ले रही थी उन संस्थानों को बंद करके सुक्खू सरकार को आर्थिक बोर नजर आया पर संसदीय सचिव नियुक्त करते हुए आर्थिक बोझ नजर नहीं आया। हिमाचल की जनता इस बात का जवाब मांग रही है।
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को हम देखे तो वहां पर 22 करोड़ से ज्यादा आबादी है, हमारी जानकारी के मुताबिक वहां इतनी नदी तादात में सलाहकार नहीं है।
हिमाचल के यह है ओ एस डी और सलाहकार
1. ओएसडी गोपाल शर्मा अर्की
2. ओएसडी दिल्ली कुलदीप सिंह भांष्टू रोहड़ू
3. नरेश चौहान प्रधान मीडिया सलाहकार, कैबिनेट रैंक कोटखाई
4. गोकुल बुटेल प्रधान सलाहकार आईटी, कैबिनेट रैंक
5. धनबीर ठाकुर ( सेवानिवृत ) सरकाघाट मंडी ओएसडी उपमुख्यमंत्री 11 दिसंबर
6. सुनील शर्मा बिट्टू राजनीतिक सलाहकार मुख्यमंत्री कैबिनेट रैंक
7. यशपाल शर्मा मीडिया कोऑर्डिनेटर आईपीआर चंडीघर
8. अनिल कपिल सलाहकार इन्फ्रास्ट्रिक मुख्यमंत्री, सलाहकार हिमाचल इंफ्रा डेवलपमेंट बोर्ड
9. आर एस बाली को पर्यटन बोर्ड  का चेयरमैन कैबिनेट रैंक के साथ बनाया गया
10. रितेश कपरेट ओएसडी मुख्यमंत्री
11. राम सुभाग सिंह, मुख्यमंत्री प्रधान सलाहकार
लेकिन छोटे से हिमाचल प्रदेश जिसकी आबादी 72 लाख के लगभग है, यहां एक दर्जन से भी ज्यादा सलाहकार और एसडीके बटालियन खड़ी करना सीधा-सीधा हिमाचल प्रदेश के ऊपर आर्थिक बोझ है।
8 महीने में इतनी सलाहकारों की फौज खड़ी हुई है, तो अभी सरकार का काफी समय बाकी है। वास्तव में यह सरकार कुर्सी बचाने और यारी निभाने में मदहोश है।
आज दिल्ली से लेकर हिमाचल तक ओएसडी, सलाहकारों की फौज खड़ी करने के पीछे राज क्या है, यह जनता जानना चाहती है ।
हमने आपको इस प्रेस वार्ता में एक वीडियो दिखाया और जिस व्यक्ति के बारे में मुख्यमंत्री और तत्कालीन विधायक सुक्खू 11 अगस्त 2022 को विधानसभा में चर्चा कर रहे हैं उसके ऊपर इन्होंने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया, तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उस व्यक्ति पर कार्यवाही कि या नहीं यह जनता जानती है।
इस व्यक्ति को भाजपा सरकार के दौरान 14 जुलाई 2022 को मुख्य सचिव पद से हटा दिया गया था।
राम सुभाग सिंह की नियुक्ति से यह प्रश्न उठाती हैं कि कौन सा निरमा पाउडर  या कौन सा गंगाजल इस सरकार ने तैयार किया है जिससे शुद्धिकरण हो गई है।
हमारा उस अधिकारी से कोई व्यक्तिगत विरोध नहीं है पर मुख्यमंत्री ने उसी अधिकारी को आज अपने कार्यालय में 1 साल की एक्सटेंशन देते हुए प्रधान सलाहकार भी नियुक्त कर लिया है।
जो यह निर्णय लिया गया है इससे साफ दिखता है कि दाल में कुछ काला है।
आर्थिक बोझ से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार ने 2004 बैच के आईएएस अधिकारी अमिताभ अवस्थी को वाटर सेस कमीशन का पहला चेयरमैन नियुक्त किया है। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने वाटर सेस कमीशन का पद संभाला । कमीशन में इनके साथ तीन मेंबर भी नियुक्त किए गए हैं। इनमें बिजली बोर्ड के रिटायर चीफ इंजीनियर एचएम धरेउला, शिमला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे अरुण शर्मा और शिमला के ही रहने वाले जोगिंद्र सिंह कंवर शामिल हैं। बिजली परियोजनाओं में बिजली बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले पानी पर वाटर सेस राज्य सरकार ने लगाया है और इसके लिए एक कानून बनाया गया है। उसी कानून में ही कमीशन में एक चेयरपर्सन और चार सदस्यों का प्रावधान है। तीन सदस्य सरकार ने नियुक्त कर दिए हैं, जबकि एक नियुक्ति अभी बाकी है। इस कमीशन में होने वाली नियुक्तियों के लिए वेतन भत्तों की अधिसूचना 24 जून को कर दी गई थी।
अगर इनकी सैलरी देखे तो अध्यक्ष 135000 और सदस्यों 120000 की सैलरी है।
इस सरकार के ऊपर पहले भी कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगते आए हैं एक मुख्यमंत्री कार्यालय की चिट्ठी पूरे प्रदेश में व्यापक रूप से घूमी थी जिसमें हिमाचल प्रदेश राज्य के किन्नौर जिला में सतलुज नदी पर बनी 450 मेगावॉट की शांग टांग करछम विद्युत परियोजना का उल्लेख था। इसका निर्माण कार्य वर्ष 2012 से मैसर्स पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी की ओर से किया जा रहा है। निर्माण कार्य की समय अवधि को पार कर जाने की वजह से इस परियोजना पर खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। इस परियोजना को हिमाचल प्रदेश पॉवर कोरपोरेशन लिमिटेड की देखरेख में किया जा रहा है। इसमें दो आईएएस अफसरों ने बड़ी ही चालाकी से सरकार में पहले ये दो महत्वपूर्ण पद हासिल किए और इस परियोजना में भ्रष्टाचार किया।
पहले एक-डेढ़ माह तक मैसर्स पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी के कर्मचारियों को बार-बार मुख्यमंत्री दफ्तर में बुलाकर उन पर दवाब बनाया जाता है। उसके उपरांत आईएएस विवेक भाटिया (प्रधान निजी सचिव मुख्यमंत्री हिमाचल सरकार) के सहयोग से आईएएस हरिकेश मीणा को एचपीपीसीएल (हिमाचल प्रदेश पॉवर कोरपोरेशन लिमिटेड) का प्रबंध निदेशक लगाया जाता है। यह नियुक्ति इसी शर्त पर की जाती है कि मैसर्ज पटेल इंजीनियरिंग कंपनी के माध्यम से बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा सके।
प्रेस वार्ता के दौरान महामंत्री बिहारी लाल शर्मा, सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, प्यार सिंह , सुदीप महाजन, संजय सूद पस्थित रहे ।

हिमाचल में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल,16 एचएएस अधिकारियों के तबादले! 8 आईएएस को अतिरिक्त कार्यभार..

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सोमवार को एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। सरकार ने जहां 16 HAS अधिकारियों के तबादले किए हैं वहीं 8 IAS ऑफिसर्स को अतिरिक्त कार्यभार दिया है। सबसे बड़ी बात सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एवं पूर्व मुख्य सचिव रहे रामसुभग सिंह मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रधान सलाहकार नियुक्त किए गए हैं। इस संबंध में सोमवार को कार्मिक विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई। रामसुभग सिंह की नियुक्ति 1 अगस्त 2023 से एक वर्ष तक या आगामी आदेशों तक जारी रहेगी। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार के रूप में रामसुभग सिंह दूध उत्पादन और इसकी खरीद को बढ़ावा देने के अलावा बिजली क्षेत्र से संबंधित नीतिगत मुद्दों पर मुख्यमंत्री को सलाह देंगे। सरकार ने जिन आठ आईएएस अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार दिया है, उनमें ओंकार चंद शर्मा को प्रधान सचिव जल शक्ति विभाग, डॉ. अमनदीप गर्ग को सचिव वन, डॉ. अभिषेक जैन सचिव गृह व विजिलेंस, सी पॉलरासु सचिव कृषि, कदम संदीप वसंत रजिस्टार सहकारी समितियां, चंद्र प्रकाश वर्मा विशेष सचिव उद्योग, मनीष कुमार निदेशक ऑडिट विभाग व विजय कुमार को विशेष सचिव प्रशासनिक सुधार का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। वहीं, आईएएस अधिकारी नवीन तंवर को एडीसी एवं परियोजना अधिकारी आईटीडीपी भरमौर तैनात किया गया है।
साथ ही विभागीय पदोन्नति कमेटी की सिफारिशों पर अतिरिक्त निदेशक राजेश कौशिक को निदेशक कृषि के पद पर पदोन्नत किया गया है। इस संबंध में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से अधिसूचना जारी की गई है।

16 HAS किए ट्रांसफर-

इसके साथ ही सरकार ने 16 एचएएस अधिकारियों के भी तबादला व तैनाती आदेश जारी किए हैं। एचएएस अधिकारी मोहन दत्त अतिरिक्त निदेशक महिला एवं बाल विकास, भुवन शर्मा संयुक्त आयुक्त नगर निगम शिमला लगाया गया है। हितेश आजाद को अतिरिक्त निदेशक युवा सेवा एवं खेल विभाग का अतरिक्त कार्यभार दिया है। पूरी सूची नीचे दी गई है।

भारतीय जनता पार्टी के पाँवटा साहिब मंडल अध्यक्ष की कमान आँजभोज के रमेश तोमर को, आधिकारिक घोषणा होना बाक़ी!

पाँवटा साहिब: इस बार भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष की कमान आँजभोज से भाजपा के वफादार नेता और पूर्व बीडीसी चेयरमैन रमेश तोमर के हाथ में होगी। यह लगभग तय कर लिया है। काफ़ी समय से आँज भोज क्षेत्र से लगातार नेतृत्व की माँग उठ रहीं थी वहा के किसी भी बड़े नेता को कोई महत्वपूर्ण पद या ज़िम्मेवारी नहीं दी गई थी इस लिहाज़ से मंडल अध्यक्ष का पद आँजभोज से रमेश तोमर को देकर विधायक सुखराम चौधरी ने मनीष तोमर के जाने की भरपाई करने की कोशिश की है! आज पाँवटा साहिब रेस्ट हाउस में भारतीय जनता पार्टी की मीटिंग में अध्यक्ष पद के लिए नामों पर चर्चा हुई इसमें 4 नाम सामने आए थे। जिसमें रमेश तोमर, राकेश मेहरालू, बलबीर सिंह और हितेंद्र चौधरी ने दावेदारी ठोकी थीं। लेकिन पार्टी के हस्तक्षेप के बाद इनके बीच आपसी सहमति करवा ली गई है। और रमेश तोमर को अध्यक्ष पद की कमान मिलना अब लगभग तय है। जिसकी आधिकारिक घोषणा पार्टी द्वारा ज़िले के अन्य मंडल अध्यक्ष के साथ ही होगी! रमेश तोमर ने बीजेपी को विधानसभा में अपने आजभोज क्षेत्र के अलावा ग्राम पंचायत भैला से भी वोट दिलाए । जबकि भैला पंचायत से मनीष तोमर भाजपा से बाग़ी होकर एमएलए का चुनाव लड़ रहे थे। ऐसे में भी रमेश तोमर ने ना केवल पार्टी का साथ दिया बल्कि भाजपा को बढ़त दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की। जिसका इनाम उनको पार्टी मंडल अध्यक्ष के ओहदें के रूप में देने जा रहीं हैं!

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