हमीरपुर: खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने बरसात के मौसम में आटा-चावल, चीनी, दाल और अन्य सभी खाद्य वस्तुओं के सही भंडारण तथा इन्हें नमी इत्यादि से बचाने के लिए सभी राशन गोदामों के प्रभारियों, आटा मिलों और उचित मूल्यों की दुकानों के संचालकों को विशेष निर्देश जारी किए हैं।
विभाग के जिला नियंत्रक अरविंद शर्मा ने कहा कि बरसात के मौसम में खाद्य वस्तुओं में नमी आने और इनके खराब होने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए, सभी गोदामों के प्रभारी, आटा मिलों और उचित मूल्य की दुकानों के संचालक विशेष ऐहतियात बरतें और खाद्य वस्तुओं को नमी से बचाने के लिए पर्याप्त प्रबंध करें। उन्होंने कहा कि वे गोदामों और दुकानों के आस-पास पानी की सही निकासी सुनिश्चित करें।
अरविंद शर्मा ने बताया कि बरसात के मौसम में सभी खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता पर विशेष नजर रखी जा रही है और इनकी सैंपलिंग बढ़ाई जा रही है। इन खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता में अगर कोई कमी पाई जाती है या गोदामों एवं डिपुओं की स्टोरेज व्यवस्था में कमी पाई जाती है तो इनके जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिला नियंत्रक ने सभी विभागीय निरीक्षकों को भी निरीक्षण करते समय आवश्यक वस्तुओं की भंडारण व्यवस्था पर विशेष नजर रखने और नमी युक्त स्टॉक पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
गोदामों-डिपुओं में आटा-चावल और अन्य खाद्य वस्तुओं के सही भंडारण के निर्देश..
डीसी सोलन मनमोहन शर्मा ने धारा 144 के तहत आवश्यक आदेश किए जारी
जि़ला दण्डाधिकारी सोलन मनमोहन शर्मा ने आमजन की सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक आदेश जारी किए है। यह आदेश आपराधिक दंड संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार सोलन जि़ला की सीमा में अश्वनी खड्ड में, खड्ड के दोनों किनारों पर तथा इसके आस-पास के स्थानों और सोलन तहसील के राजस्व गांव सेर बनेड़ा में गिरीपुल पर गिरी नदी के किनारे स्थित शनि मंदिर के समीप एवं आस-पास के क्षेत्र में सभी प्रकार की अनाधिकृत पर्यटन और व्यवसायिक गतिविधियों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। इन आदेशों के अनुसार अश्वनी खड्ड और गिरी नदी में स्नान करने तथा पिकनिक मनाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
यह आदेश तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं और अगले दो माह तक प्रभावी रहेंगे। इन आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि मॉनसून के समय में भारी वर्षा के कारण नदी, नालों के किनारे जाना खतरनाक सिद्ध हो सकता है। अधिकतर मौको पर पर्यटक नदी एवं खड्डों में नहाने के लिए जाते हैं। किसी भी कारण से नदी के जलस्तर में वृद्धि पर्यटकों के जीवन को खतरा पैदा कर सकती है।
आदेशों के अनुसार स्थानीय पुलिस जि़ला पर्यटन अधिकारी के साथ सक्रिय समन्वय स्थापित कर इन आदेशों को अक्षःरक्ष लागू करेगी। इन आदेशों का उल्लंघन करने पर विधि सम्मत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान व विधायक सुखराम चौधरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग-707 पांवटा-शिलाई का निरीक्षण करने के उपरांत मार्ग की शीघ्र बहाली के दिये निर्देश
नाहन, 12 जुलाई। उद्योग, संसदीय कार्य तथा आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने आज राष्ट्रीय राजमार्ग-707 पांवटा-शिलाई का निरीक्षण किया जो हाल ही में भारी बरसात के कारण राजबन के समीप कच्ची ढ़ांक के पास क्षतिग्रस्त हो गया था।
उद्योग मंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह राष्ट्रीय राजमार्ग 707 को वाहनों की आवाजाही के लिये खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर करें ताकि आम जनमानस को जल्द राहत प्रदान की जा सके। उन्होंने अभियंताओं से कहा कि तथा राजबन से आगे सिरमौरी ताल से सतौन के लिए एक वैकल्पिक पुल के निर्माण की डीपीआर भी जल्द तैयार की जाए ताकि समस्या का स्थाई समाधान हो सके।
हर्षवर्धन चौहान ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारीयों को निर्देश दिए कि वह कांडो-मालगी-नाड़ी सड़क को छोटे वाहनों तथा सतौन-भटरोग-सालवाला सड़क में यातायात सुचारू रखने के लिए मशीनरी तथा कर्मियों को तैनात करें ताकि किसान अपनी नकदी फसलों को मंडियों तक पंहुचा सके। उन्होंने कहा कि किसानों की कुछ नकदी फसलें तैयार हैं और इन्हें मण्डियों तक पंहुचाने के लिये मुख्य सड़क मार्ग तथा सम्पर्क सड़कों की बहाली के कार्य युद्ध स्तर पर सुनिश्चित किये जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि शासन तथा प्रशासन बंद सड़कों, पेय जल योजनाओं तथा बाधित बिजली की आपूर्ति को सुचारू करने के लिए पूरी तन्मयता से कार्य कर रही है। उन्होंने लोगो का आह्वान किया कि वह बरसात के मौसम को ध्यान रखते हुए घरों मेे सुरक्षित रहें तथा अति आवश्यक कार्य के चलते ही बाहर निकलें या यात्रा करें ताकि जानमाल के नुकसान को कम किया जा सके।
पश्चात उद्योग मंत्री ने लोक निर्माण गृह पांवटा साहिब में जन समस्याएं सुनी जिनमें अधिकांश का मौके पर ही निपटारा किया गया तथा शेष को संबन्धित विभागों को निराकरण के लिए प्रेषित किया। इस अवसर पर विधायक पांवटा साहिब सुख राम चौधरी, एसडीएम गुजीत सिंह चीमा, तहसीलदार ऋषभ शर्मा, राष्ट्रीय सड़क तथा उच्च मार्ग मंत्रालय भारत सरकार (नॉर्थ) परियोजना निदेशक विवेक पंचाल, डीएसपी पांवटा मानवेंद्र ठाकुर, निदेशक राज्य सहकारी बैंक भारत भूषण मोहिल, डीएफओ पांवटा ऐश्वर्य राज, सदस्य सचिव उद्योग रचित शर्मा सहित लोक निर्माण विभाग के अभीयंता व अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
मलबें कि चपेट में आने से महिला ने तोड़ा दम..
जिला सिरमौर के उपमंडल संगड़ाह के डूंगी गांव में मलबे की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई है। मृतिका की पहचान 42 वर्षीय निर्मला देवी उर्फ गुड्डी w/o सुरेश भारद्वाज के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार महिला निर्मला देवी घर के समीप बने शौचालय के बाहर नल से अपने हाथ धो रही थी। कि इसी दौरान अचानक वह पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आ गई। प्राथमिक उपचार के लिए महिला को संगड़ाह अस्पताल ले जाया गया, लेकिन महिला की तबियत ज्यादा बिगड़ गई जिसके चलते निर्मला को नाहन रैफर कर दिया गया। लेकिन ददाहू और नाहन के बीच धीड़ा के समीप रोड़ अवरुद्ध होने की वज़ह से उन्हें समय से नाहन नहीं पहुंचा पाए जिस वजह से उन्होंने वहीं पर दम तोड़ दिया और दुनिया को अलविदा कह दिया। गौरतलब है कि सप्ताह भर पहले निर्मला देवी के ससुर की मृत्यु हुई है। निर्मला देवी अपने पीछे पति समेत 2 बेटे व 2 बेटियों को छोड़ गई है। बताया जा रहा है कि संगड़ाह अस्पताल से रेफर महिला को बारिश के कारण अवरूद्ध मार्ग से 108 सुविधा भी नहीं मिल पाई।
हिमाचल में बारिश से हाहाकार आठ और लोगों की मौत, छह बहे; 28 घर ध्वस्त, 12 पुल और कई वाहन बहे..
हिमाचल प्रदेश में 72 घंटे से ज्यादा की मूसलाधार बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। दो दिन के भीतर 21 लोगों की जान जा चुकी है। सोमवार को आठ और लोगों की मौत हो गई है जबकि छह उफनती नदियों और नालों में बह गए हैं। बीते 24 जून को हिमाचल पहुंचा मानसून अब तक 63 लोगों की जान ले चुका है। वहीं, भारी बारिश के चलते श्रीखंड महादेव की पवित्र यात्रा भी स्थगित कर दी है। बीच राह में टेंटों में फंसे यात्रियों को मौसम साफ होते ही वापस लाया लाएगा। सोमवार को कुल्लू जिला में फिर बादल फटा है। लगघाटी के फलाण में बादल फटने से 100 बीघा जमीन बह गई है। सरकारी तार स्पेन भी क्षतिग्रस्त हो गया है। निर्माणाधीन पुलों की लाखों की निर्माण सामग्री बह गई है। कई गांवों के रास्ते टूट गए हैं। वहीं, प्रदेश भर में 28 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं जबकि 55 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। 92 गोशालाएं बह गई हैं, जिससे 12 पशुओं की मौत हुई है। सवा सौ से ज्यादा छोटे-बड़े वाहन मलबे में दब गए हैं या बह गए हैं। कुल्लू जिला में 12 पुल बह गए हैं। सात नेशनल हाईवे समेत 828 से ज्यादा सड़कें ठप हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर और 4833 पेयजल परियोजनाएं प्रभावित हैं। 403 सरकारी बसें आधे रास्ते में फंसी हुई हैं। 1007 बस रूट प्रभावित हैं।
कुल्लू जिले में इंटरनेट सेवा ठप, कई इलाकों में ब्लैकआउट
कुल्लू-मनाली, मंडी और प्रदेश के ऊपरी इलाकों में हजारों सैलानी और स्थानीय लोग फंसे हुए हैं। कुल्लू शहर को छोड़कर अधिकतर जिले में इंटरनेट सेवा भी ठप है। कई इलाकों में ब्लैकआउट है। बाहरी राज्यों के फंसे हुए लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। सड़कों को बहाल करने के लिए 600 से ज्यादा मशीनरियां तैनात की गई हैं। लोक निर्माण विभाग ने 25,000 से ज्यादा अधिकारियों, कर्मचारियों और मजदूरों को फील्ड में तैनात किया है। शिमला के ठियोग के पलवी गांव में भूस्खलन की चपेट में घर आने से तीन लोगों की मौत हुई है। सुबह 10:15 बजे रोशन लाल का कच्चा मकान गिर गया, जिसमें दबकर तीन मजदूरों दीप बहादुर, देवदासी और मोहन बहादुर की मौत हुई है।
कसौली में श्रमिक की मौत, नयना देवी व्यक्ति नाले में बहा
सोलन के कसौली की गाहीघाट पंचायत के गडयार गांव में झारखंड के श्रमिक प्रकाश और नेपाल के श्रमिक भीमसेन की मलबे में दबकर जान चली गई। सुबाथू की शडियाणा पंचायत के पुनहू गांव के भूपेंद्र कुमार घर लौटते हुए भूस्खलन की चपेट में आ गए, जिससे उनकी भी मौत हो गई है। चंबा के डलहौजी के सिया में सड़क बहाल करने में जुटी जेसीबी डंगा धंसने से खाई में गिर गई। इससे चालक अजय कुमार की मौत हो गई। बिलासपुर में नयना देवी जी के मलेटा गांव में शादी समारोह से लौट रहे रामलाल (70) की नाले में बहने से मौत हो गई। बुजुर्ग का शव करीब दो किलोमीटर दूर कालाकुंड नामक जगह पर गोबिंदसागर झील में मिला।
ब्यास नदी के किनारे 113 घर खाली कराए
वहीं, कुल्लू-मनाली में चार जबकि सोलन और सिरमौर जिला में एक-एक व्यक्ति बह गए हैं। ये अभी लापता हैं। ब्यास नदी का रौद्र रूप अभी भी जारी है। मनाली में तीन वोल्वो और तीन ट्रक बह गए हैं। मंडी में ब्यास नदी के किनारे 113 घर खाली कराए हैं। किन्नौर जिले की भावा खड्ड में बाढ़ आने से तीन मकान और तीन वाहन बह गए हैं। सोलन के परवाणू में नाले में बाढ़ आने से 23 छोटे-बड़े वाहन बहने से मलबे में दब गए। कई वाहन 300 मीटर दूर जाकर मिले। औद्योगिक क्षेत्र परवाणू के सेक्टर-पांच के साथ लगते सूखना नाले में अचानक पानी आने से सड़कों के किनारे खड़ीं करीब 23 गाड़ियां बह गईं। भुंतर के हाथीथान में दो होटल और एक पेट्रोल पंप भी बाढ़ में बह गए हैं। बरोट स्थित रेजर वायर में सिल्ट बढ़ने से बीते 72 घंटे बाद भी पंजाब और हिमाचल में बिजली आपूर्ति नहीं हो पाई है। ग्रिड फेल होने से दोनों राज्यों में बिजली संकट गहराने की आशंका बढ़ गई है।
शिमला से कटा चंडीगढ़ का संपर्क, हाईकोर्ट ने आज की भी घोषित की छुट्टी
कालका-शिमला नेशनल हाईवे और रेल ट्रैक बंद हो गए हैं। इससे शिमला और चंडीगढ़ का संपर्क कट गया है। वहीं, जिला कांगड़ा में खराब मौसम के चलते सोमवार को गगल एयरपोर्ट पर आने वाली एलाइंस एयर की विमान सेवा रद्द हो गई। हिमाचल हाईकोर्ट ने सोमवार और मंगलवार की छुट्टी कर दी है। अधीनस्थ अदालतें भी बंद रहीं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने सोमवार और मंगलवार की सभी शैक्षणिक गतिविधियां और बीए आनर्स की परीक्षा तिथियां स्थगित कर दी हैं।
पाँवटा-शिलाई NH707 पूरी तहत बंद,गिरीपार का मैदानी इलाको से कटा संपर्क
पाँवटा साहिब शिलाई NH707 कची ढाँग के पास सड़क पूरी तरह धस गई है जिसके अगले 7-8 दिन तक खुलने के कोई आसार नहीं है! इसके अलावा भी हेवेना, गँटोली, उत्तरी, श्रीक्यारी में भी रोड पूरी तरहा बंद है जिसके की स्वास्थ्य सेवाये पूरी तरहा ठप हो गई है! मरीजो को पाँवटा साहिब जाने में बहुत परेशानी हो रही है और इस इलाक़े में पिछले 72 घंटे से लगातार बारिश हों रही हैं जिससे की रास्ता खुलवाने में प्रशासन को कठिनाई पेश आ रही है!
ये एनएच हैं बंद
मनाली-लेहकालका-शिमला
चंडीगढ़-मनाली
आनी-कुल्लू
चंबा-भरमौर
ऊना-मंडी सुपर हाईवे
शिमला-हाटकोटी-रोहड़ू
तेलिंग, पागलनाला के बीच फंसे यात्री तीन दिन से भूखे-प्यासे
मनाली-लेह हाईवे तेलिंग और पागलनाला में बाढ़ के चलते बंद है। तेलिंग और पागलनाला के बीच एचआरटीसी की चार बसें और कुछ अन्य वाहन फंसे हैं। इनमें करीब 50 यात्री हैं। ये तीन दिन से भूखे-प्यासे हैं। इनमें महिलाएं और बच्चे भी हैं। वहीं, लाहौल-स्पीति के तहत चंद्रताल में 300 लोग फंसे हुए हैं। मौसम खुलते ही इन्हें बचाया जाएगा। आज भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट प्रदेश में मंगलवार को भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, 12 जुलाई के बाद मौसम के साफ होने का पूर्वानुमान है। कल्पा में न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि ऊना में यह 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। प्रदेश में भूस्खलन, बाढ़ की चेतावनी भी जारी की गई है।
किस विभाग को कितना नुकसान (अनुमानित राशि करोड़ रुपये में)
लोक निर्माण विभाग-355.96
जल शक्ति विभाग-350.15
बागवानी -70.36
बिजली बोर्ड-0.92
शहरी विकास विभाग -0.41
भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश में अनुमानित 4 हज़ार करोड़ रुपए का नुकसान, मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वर्चुअल बैठक कि अध्यक्षता की
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला हमीरपुर के नादौन से राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की और सभी संबंधित प्राधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण 17 लोगों की मृत्यु हो गई है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़कों, बिजली के ट्रांसफार्मरों व विद्युत उप-केंद्रों और जल आपूर्ति परियोजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। इस आपदा के कारण लोगों का जनजीवन व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है और प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार प्रदेश को लगभग 3000 करोड़ से 4000 करोड़ रुपए तक का नुकसान आंका गया है। मुख्यमंत्री ने लगातार बारिश से हुए नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में समिति की बैठक बुलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी उपायुक्तों को आगामी 10 दिनों तक सतर्क रहने और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने भूस्खलन और बाढ़ से हुई जान-माल की हानि पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस विकट स्थिति से कुशलतापूर्वक निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित बचाव अभियान शुरू किए गए और समय पर आपदा प्रबन्धन कर, कई अमूल्य जीवन बचाए गए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से राहत और बचाव कार्यों के लिए पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों को शामिल करने के लिए कहा। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति तत्काल बहाल करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को दैनिक जीवन में किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने विभिन्न जगहों पर फंसे हुए लोगों की सुविधा के लिए क्षतिग्रस्त पुलों के स्थान पर बेली ब्रिज के निर्माण के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम ठीक होने पर हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिलों में फंसे लगभग 300 पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को निकालने के प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने प्रदेश में फंसे पर्यटकों की राज्यवार सूची तैयार करने के अलावा इन लोगों के ठहरने, भोजन और दवाओं इत्यादि सहित आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में भारी तबाही और जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार प्रभावितों की सहायता के लिए पर्याप्त धनराशि सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री ने सेब सीजन के दृष्टिगत इन उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की शीघ्र बहाली पर बल दिया ताकि सेब फसलों का सुचारू परिवहन सुनिश्चित कर, सेब उत्पादकों को नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने परवाणु-रोहड़ू, ठियोग से रामपुर, छैला से कुमारहट्टी सड़कों और अन्य सेब उत्पादन क्षेत्रों की सड़कों को खुला रखने और मलबा हटाने के लिए अतिरिक्त मशीनरी तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन क्षेत्रों में तत्काल सड़क सुधार के लिए 4 करोड़ रुपए आबंटित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान छह मौतों की सूचना के उपरांत इस यात्रा को शेष सीजन के लिए रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
इस वर्चुअल बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।
बिजली बोर्ड पांवटा साहिब के कर्मचारी का अपने कार्य के प्रति दिखा समर्पण..
भारी बारिश ने प्रदेश भर में तांडव मचाया हुआ है । जिसके चलते प्रदेश भर में भारी भूस्खलन होने से सड़कें बंद हो गई है तो नदी नालो में पानी उफान पर है । वही पांवटा साहिब में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बीच बिजली बोर्ड पांवटा साहिब के कर्मचारी का अपने कार्य के प्रति समर्पण देखने के काबिल है । भारी बारिश के बीच फील्ड में कार्य करने पहुंचे कर्मचारी का लोगों ने विशेष तौर पर धन्यवाद किया है । लगातार हो रही बारिश से पांवटा साहिब क्षेत्र में पिछले 3 दिनों से जगह जगह पर सर्विस लाइन क्षतिग्रस्त हो रही है । कई क्षेत्रों में बिजली पोल गिर रहे हैं तो कहीं पर बिजली की सर्विस लाइन पर पेड़ गिर रहे हैं। वही कई जगहों पर ट्रांसफार्मर ठप पड़े गए है । क्षतिग्रस्त बिजली की लाइन पोल ट्रांसफार्मर की सूचना जैसे ही पावटा बिजली विभाग को मिलती है तो संबंधित क्षेत्र के कनिष्ठ अभियंता अपनी टीम को बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए प्रेरित कर मौके पर टीम के साथ मरम्मत के लिए पहुंच जाते है । स्थानीय लोगों ने बिजली बोर्ड का विपरीत परिस्थितियों में बिजली को सुचारू रूप से उपलब्ध करवाने पर धन्यवाद किया यदि समय पर लाइन की मरम्मत नहीं होती तो कई जगहों पर बड़ा हादसे भी हो सकते है । बता दे कि रेड अलर्ट के बीच हिमाचल प्रदेश में बारिश से तबाही का दौर जारी है प्रदेश में लगातार तीसरे दिन मूसलाधार बारिश हो रही है । बारिश के कारण लगभग आधा हिमाचल अंधेरे में है । 4686 ट्रांसफार्मर प्रदेश भर में ठप है। कुल्लू जिला में सबसे ज्यादा 1849 ट्रांसफार्म बंद है । सोलन जिले में 709 ,मंडी में 643, उना मैं 97 ,सिरमौर में 473 ,शिमला में 551 ,कांगड़ा में 3, लाहौल स्पीति मैं 272, किन्नौर में 89 ट्रांसफॉर्मर बंद है ।
सिरमौर जिला में भारी वर्षा के कारण हुआ 44.56 करोड़ का नुकसान-उपायुक्त सिरमौर
नाहन, 10 जुलाई- मुख्यमंत्री श्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खु ने आज सोमवार को प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान तथा राहत एवं पुनर्वास सम्बन्धी कार्यों की वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से समीक्षा की। उपायुक्त सुमिटा खिमटा ने बैठक में मुख्यमंत्री को सिरमौर जिला में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान की विस्तार से जानकारी प्रदान की।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के उपरांत उपायुक्त सिरमौर खिमटा ने बताया कि सिरमौर जिला में भारी वर्षा के कारण सड़क, पेयजल योजनाओ, बिजली आपूर्ति और अन्य जनसेवाओं को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि आरम्भिक तौर पर प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सिरमौर जिला में 7 जुलाई से लेकर 10 जुलाई तक करीब 44.56 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण यह नुकसान कई गुना बढ़ सकता है।
उन्होंने बताया कि भारी वर्षा के कारण जिला में अभी तक केवल एक व्यक्ति की मृत्यु होने की सूचना प्राप्त हुई है। इस व्यक्ति की मृत्यु धौलाकुुंआ के समीप खडड मंे बहकर होने से हुई है। सुमित खिमटा ने बताया कि भारी वर्षा के कारण जल शक्ति विभाग को करीब 22 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास विभाग को 86 लाख़ रुपये, बिजली विभाग को 2.20 करोड़ रुपये, लोक निर्माण विभाग को 17 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय उच्च मार्ग को 2 करोड़ रुपये तथा राजस्व विभाग को 50 लाख रुपये का नुकसान आंका गया है। उपायुक्त ने जल शक्ति विभाग को जिला की सभी पेयजल योजनाओं को सुचारू एवं कार्यशील बनाये रखने के लिए कहा है। उन्होंने भारी बारिश के कारण बाधित जिला की 115 पेयजल योजनाओं को शीघ्र ही बहाल करने के लिए जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए हैं।
उन्होंने लोेक निर्माण विभाग को जिला की विभिन्न मुख्य सड़कों के अलावा ग्रामीण मार्गों को भी कार्यशील बनाये रखने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि जिला में पांवटा-शिलाई राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर कच्ची ढांग के समीप भारी बारिश के कारण भू-स्खलन और सड़क धंसने के कारण बाधित है जिसमें वाया मालग-छछेती यातायात बहाल करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी प्रकार सोलन-मिनस सड़क जो कि भू-स्खलन के कारण चाड़ना के पास बाधित है को भी खोलने के प्रयास जारी हैं।
उपायुक्त ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार आने वाले एक दो दिनों में और भारी बारिश की संभावनायें व्यक्त की गई हैं इसलिए जनता से अनावश्यक यात्रा से बचने तथा खड़डो तथा नदी नालों के समीप न जाने का आग्रह किया गया है।
सुमित खिमटा ने कहा कि भारी वर्षा के कारण बाढ़ और भू-स्खलन के दृष्टिगत जिला प्रशासन और जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण मिलकर अत्यंत गंभीरता से कार्य कर रहे हैं और सूचना मिलते ही बचाव और पुनर्वास कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने जनसेवाओं से जुड़े सभी प्रमुख विभागों को अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित नुकसान की रिपोर्ट शीघ प्रस्तुत करने के लिए कहा है। उन्होंने कृषि, उद्यान तथा पशुपालन विभाग को बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लेकर नुकसान का आकलन प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
उपायुक्त ने जिला में जनसेवाओं और जन सुविधाओं को कार्यशील बनाये रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं ताकि किसी भी प्रकार की आपदा और दुर्घटना के समय प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाई जा सके।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक रमण कुमार मीणा, अतिरिक्त उपायुक्त मनेश कुमार यादव, जिला राजस्व अधिकारी चेतन चौहान, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण अरविंद शर्मा, अधीक्षण अभियंता विद्युत बोर्ड दर्शन सिंह, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण अभिषेक मित्तल, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण वी.के. अग्रवाल, अधीशासी अभियंता सिंचाई एवं स्वास्थ्य अशीष राणा व अन्य विभाग के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने सोमवार सुबह चार बजे तक राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया..
हिमाचल प्रदेश में पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश से जन-जीवन व्यापक तौर पर प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू राहत एवं बचाव कार्यो की स्वयं निगरानी कर रहे हैं और प्रदेश तथा जिला प्रशासन के साथ निरन्तर सम्पर्क में हैं ताकि आपातकाल की स्थिति में लोगों को समय पर मदद पहुंचाई जा सके।
रविवार को देर सायं मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों से बात की और संबंधित जिलों में हुए नुकसान का जायजा लिया तथा प्रभावितों को तुरन्त मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने तड़के सुबह चार बजे तक विभिन्न स्थानों में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव कार्यों पर नज़र बनाए रखी और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते रहे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी रविवार देर शाम फोन पर बात की और भारी बारिश के कारण प्रदेश के विभिन्न भागों में फंसे हरियाणा के लोगों को सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने मनोहर लाल खट्टर को आश्वस्त किया कि वह निजी तौर पर इस मामले को देखेंगे। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को इस संबंध में तत्काल आवश्यक कदम उठाने के दिशा-निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने मंडी जिला के नगवाईं में फंसे छह लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए गए बचाव अभियान पर भी नज़र बनाए रखी। इन सभी छह लोगों को देर रात लगभग दो बजे सुरक्षित निकाल लिया गया। मुख्यमंत्री ने बचाव दल और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों की सराहना भी की।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू मनाली के आलू ग्राउंड में फंसे 29 लोगों और लाहौल स्थित चंद्रताल झील के पास फंसे लगभग दो सौ पर्यटकों के बारे में भी पल-पल की जानकारी लेते रहे। मनाली में फंसे 29 लोगों को आज सुबह आठ बजे सुरक्षित निकाल लिया गया।
मुख्यमंत्री ने चंद्रताल झील के पास फंसे पर्यटकों के लिए खाने-पीने की सामग्री, दवाएं और अन्य आवश्यक सामान भेजने के निर्देश दिए और जिला प्रशासन से उनके बारे में पल-पल की जानकारी लेते रहे, ताकि समय पर राहत एवं बचाव कार्यों का संचालन किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य प्रशासन को विभिन्न स्थानों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि वह स्थानीय प्रशासन और जन प्रतिनिधियों के लगातार सम्पर्क में हैं और व्यक्तिगत रूप से स्थिति का जायजा ले रहे हैं। आपदा की इस कठिन घड़ी में राज्य सरकार सभी लोगों के साथ हैं। उन्होंने लोगों से अनावश्यक यात्राओं से बचने और नदी-नालों के नजदीक न जाने की अपील भी की है।
डीसी ने बाधित मार्गों को खुलवाने के लिए दिए निर्देश, जिला प्रशासन ने सभी विभागों से मांगी नुक्सान की रिपोर्ट..
धर्मशाला 09 जुलाई। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि कांगड़ा जिला में लगातार भारी बारिश से मुल्थान बड़ा भंगाल,मुल्थान-लोहारड़ी तथा चंबापतन-देहरा मार्ग अवरूद्व हो गया है, इन मार्गों को खुलवाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो। उन्होंने कहा कि नुरपुर उपमंडल में लोगों की सुरक्षा को देखते हुए चक्की पुल को भी यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही कांगड़ा उपमंडल के सनौरा में मांझी खड्ड में डूबे एक व्यक्ति को खोजने के लिए सर्च अभियान चलाया गया है। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग तथा अन्य विभागों को बारिश से हुए नुक्सान की रिपोर्ट जिला मुख्यालय में भेजने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन को लेकर लोक निर्माण विभाग जल शक्ति विभाग वन विभाग के अधिकारियों तथा आपदा प्रबंधन की दल फील्ड में पूरी तरह से सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील मार्गों पर जेसीबी तथा आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि मार्गों के अवरूद्व होने की स्थिति में तुरंत प्रभाव से खुलवाया जा सके।
डीसी निपुण जिंदल ने कहा राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं भारी बारिश से किसी भी स्तर पर जान माल का नुकसान होने पर फौरी राहत प्रभावित व्यक्तियों को तुरंत प्रभाव से मुहैया करवाएं तथा तथा पुनर्वास के लिए भी कारगर कदम उठाएं ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा ना हो।
उन्होंने कहा कि सभी उपमंडलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि नदियों तथा खड्डों के किनारे झुगी झोंपडियों को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए ताकि बाढ़ जैसी आपदा में किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि पर्यटकों को भी बारिश के दौरान यात्राएं इत्यादि से परहेज करने के लिए कहा गया है।
सिरमौर जिले के सभी शिक्षण संस्थानों में 10 जुलाई को अवकाश घोषित
नाहन 9 जुलाई: उपायुक्त सिरमौर श्री सुमित खिमटा ने आज यहां बताया कि जिले में भारी वर्षा के दृष्टिगत 10 जुलाई , सोमवार को सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे! उन्होंने कहा कि गत शनिवार प्रातः से ही जिले में लगातार बारिश हो रही है जिसके कारण अधिकतर संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं तथा सभी नाले व नदियाँ उफान पर हैं! मौसम विभाग द्वारा भी आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसी के मध्यनजर जिले के सभी शिक्षण संस्थानों सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों , महाविद्यालयों व आईटीआई में सोमवार 10 जुलाई को अवकाश रहेगा।
30 जून को तहसीलदार ऋषभ शर्मा की देखरेख में होगा पाँवटा साहिब ट्रक यूनियन का चुनाव..
प्रदेश की बड़ी ट्रक यूनियनो मे से एक पांवटा साहिब की सिरमौर ट्रक ऑपरेटर यूनियन के चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हो चली है। अमूमन यूनियन के चुनाव में दो गुट आमने-सामने होते थे लेकिन इस नई बात ये है कि चुनाव में तीन गुट पूरे पैनल के साथ अपनी जोर आजमाइश करेंगे। चुनाव के लिए नॉमिनेशन और वोटिंग की तारिख तय हो गई है। एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा के दिशानिर्देश के मुताबिक तहसीलदार ऋषभ शर्मा की देख-रेख में चुनावी प्रक्रिया सम्पन्न होगी ।
जानकारी के मुताबिक सिरमौर ट्रक ऑपरेटर यूनियन के वार्षिक चुनाव के लिए जरनल हाउस की मीटिंग 20 जून को तय हुई है। जिस मे पिछले 2 साल का हिसाब किताब मौजूदा मैनेजमेंट यूनियन के आपरेटर्स के सामने रखे गी नॉमिनेशन 28 जून को फाइल किये जायेंगे। उसी दिन नाम वापिस लेने की तिथी भी है। 30 जून को चुनाव होंगे जिसमे लगभग 955 ट्रक ऑपरेटर अपने मत का प्रयोग कर नई मैनेजमेंट चुनेंगे। शाम को ही मतों की गिनती होगी और परिणाम आ जायेंगे।
तीनो संभावित पैनल के अभी तक जो संभावित नाम सामने आ रहे हैं उनमे जसमेर सिंह भूरा प्रधान पद के लिए, उप प्रधान पद पर सतबीर सिंह (सत्तू), सचिव पद पर विशाल शर्मा उर्फ (चूचा), कोषाध्यक्ष पद पर राकेश चौधरी (बाबू), अड्डा इंचार्ज पद पर तपिंदर सिंह (कोलर) नागरा गुट से प्रधान पद के लिए स्वयं सरदार बलजीत सिंह नागरा, उप प्रधान पद के लिए महिमा सिंह बहराल, सचिव पद के लिए कुलदीप खंडूजा, कोषाध्यक्ष पद के लिए हरबंस चौधरी किशनकोट और अड्डा इंचार्ज के लिए भूपेन्द्र सिंह पिंदू व तीसरे ग्रूप से प्रधान पद के लिए चरणजीत सिंह चन्नी, उप प्रधान के लिए दर्शन सैनी, सचिव पद के लिए बलविंद्र सिंह बिंदर, कोषाध्यक्ष पद के लिए विक्की खंडूजा, अड्डा इंचार्ज पद के लिए दविंद्र सिंह धालीवाल (काला) मैदान में होंगे।
बलजीत सिंह नागरा के साथ जुड़े रहे जसमेर सिंह भूरा इस बार अलग पैनल के साथ प्रधान पद पर चुनाव में उतरे हैं वह जनता से सिर्फ एक साल के लिए मोका देने की अपील कर रहे हैं। जब की चुनाव कुछ वर्षो से 2 साल का हो रहा है। पहले चुनाव 1 वर्ष का ही होता था जिस को जसमेर सिंह भूरा जनता के हित में बताते है। जसमेर सिंह को भी ऑपरेटर मेहनती व यूनियन हितेषी बताते हैं। अब जनता किस को मौका देगी ये तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन चुनाव दिलचस्प होगा पक्का तय माना जा रहा है।


