पांवटा साहिब, 8 नवंबर (न्यूज़डे नेटवर्क) : गुरु नानक देव जी के पवित्र प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल, पांवटा साहिब में आज श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ विशेष धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर गुरु-वाणी की मधुर ध्वनियों और “सत नाम श्री वाहेगुरु” के जयकारों से गूंज उठा।
कार्यक्रम की शुरुआत 6 नवंबर 2025 को अखंड पाठ साहिब के आरंभ से हुई, जिसने पूरे विद्यालय वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। आज 8 नवंबर को भोग समारोह बड़ी श्रद्धा और निष्ठा के साथ संपन्न हुआ। भोग के उपरांत स. परमजीत सिंह जी द्वारा गुरु कथा का सुंदर प्रवचन किया गया, जिसमें उन्होंने गुरु नानक देव जी के जीवन, शिक्षाओं और मानवता के प्रति उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने संसार को सत्य, करुणा, समानता और निस्वार्थ सेवा का संदेश दिया, जो आज भी समाज के लिए मार्गदर्शक है।
इसके बाद विद्यालय के विद्यार्थियों ने भावपूर्ण शबद-कीर्तन प्रस्तुत किया, जिसमें “नाम जपो, किरत करो, वंड छको” के संदेश को गीतों और संगीत के माध्यम से खूबसूरती से अभिव्यक्त किया गया। बच्चों की इन प्रस्तुतियों ने उपस्थित संगत का मन मोह लिया।कार्यक्रम के उपरांत गुरु का लंगर आयोजित किया गया, जिसमें विद्यार्थियों, शिक्षकों, प्रबंधन समिति के सदस्यों व श्रद्धालुओं ने प्रेमपूर्वक भाग लिया। लंगर में सेवा भावना का अद्भुत दृश्य देखने को मिला बच्चे स्वयं थालियाँ परोसते, साफ़-सफ़ाई करते और संगत की सेवा में जुटे रहे।
विद्यालय के निदेशक गुरजीत सिंह और प्रधानाचार्या गुरविंदर कौर चावला ने इस अवसर पर सभी को गुरुपर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ आज के युग में अत्यंत प्रासंगिक हैं और हमें उनके बताए मार्ग पर चलते हुए जीवन में सत्य, समानता और मानवता के आदर्शों को अपनाना चाहिए। प्रधानाचार्या ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज के प्रति दायित्व निभाना और दूसरों की सेवा में योगदान देना है। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्यों की सराहना की।
पूरे आयोजन के दौरान विद्यालय परिसर में गुरु-वाणी का मधुर पाठ, सेवा भावना और भक्ति का वातावरण बना रहा। संगत ने गुरु महाराज से समस्त मानवता की शांति, एकता और कल्याण की प्रार्थना की।


