शिलाई: गिरिपार क्षेत्र शिलाई के भटनोल गांव निवासी कल्याण ठाकुर ने कड़ी मेहनत और लगन से पुलिस विभाग में नया मुकाम हासिल किया है। हाल ही में उन्हें सब-इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नति मिली। इस अवसर पर शिमला के एसएसपी संजीव गांधी ने उनके कंधों पर अतिरिक्त स्टार लगाकर सम्मानित किया।
संघर्षों से भरा बचपन
कल्याण ठाकुर का बचपन साधारण परिवेश और काफ़ी संघर्षों में बीता। कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने शिक्षा और करियर में कभी समझौता नहीं किया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शिलाई से हुई। पढ़ाई के साथ ही वे शुरू से ही खेलों में अग्रिम थे। वह अनुशासित और मेहनती स्वभाव के रहे, जिसने उन्हें पुलिस विभाग तक पहुँचने की प्रेरणा दी।
पुलिस सेवा की शुरुआत
कल्याण ठाकुर वर्ष 1991-92 में पुलिस विभाग में भर्ती हुए। शुरुआती दौर में उन्होंने कई क्षेत्रों में सेवाएँ दीं, लेकिन उनकी असली पहचान साइबर क्राइम विभाग में बनी। यहाँ उन्होंने कई जटिल और पेचीदा मामलों को सुलझाया और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई। जिसके लिए हिमाचल के डीजीपी द्वारा उन्हें डीजीपी डिस्क अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही वे आम नागरिकों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करने में भी सक्रिय रहे।
परिवार और क्षेत्र का गौरव
कल्याण चौहान के छोटे भाई जेपी ठाकुर भी पुलिस विभाग में सेवाएँ दे रहे हैं। दोनों भाइयों का पुलिस सेवा में योगदान क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। भटनोल जैसे छोटे से गाँव से निकलकर पुलिस विभाग में यह उपलब्धि हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है।
कल्याण ठाकुर का कहना है कि यह सफलता केवल उनकी नहीं बल्कि पूरे विभाग, परिवार और क्षेत्र की है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आगे भी वह पूरी निष्ठा और ईमानदारी से जनता की सेवा करते रहेंगे और समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।