हिमाचल प्रदेश में अब राजस्व संबंधी कार्यों के लिए जनता को ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। प्रदेश सरकार ने जमीन संबंधी इंतकाल की दरें बढ़ाने के बाद अब विभिन्न राजस्व संबंधी कार्यों की भी दरें बढ़ा दी है। यहां तक कि अब सेल डीड की भी कैपिंग कर दी गई है। अब अगर महिला जमीन की खरीदारी करती है, तो 80 लाख रुपए तक के सौदे पर उन्हें चार प्रतिशत शुल्क ही अदा करना होगा , लेकिन अस्सी लाख रुपए से अधिक पर मार्केट वैल्यु के अनुसार आठ प्रतिशत तक शुल्क अदा करना होगा। पुरुष खरीददार होने पर 50 लाख रुपए तक छह प्रतिशत तो पचास लाख रुपए से अधिक पर आठ प्रतिशत तक शुल्क अदा करना होगा।यही नहीं, बल्कि अन्य राजस्व संबंधी कार्यों के शुल्क में भी बड़ा इजाफा हुआ है। इससे पहले स्पेशल पावर आफ अटार्नी का शुल्क महज 100 रुपए था, लेकिन इसे अब बढ़ा कर एक हजार रुपए कर दिया है। इसी प्रकार जनरल पावर ऑफ अटार्नी का पहले शुल्क 150 रुपए था, लेकिन अब इसके लिए भी 1500 रुपए शुल्क चुकाना होगा। गिफ्ट डीड के लिए भी अब न्यूनतम दो हजार रुपए और अधिकतम पांच हजार रुपए शुल्क चुकाना होगा। लीज के लिए भी अब अलग से फार्मूला तय किया है। तबादले के भी शुल्क तय किए है। शपथ-पत्र के लिए शुल्क पहले दस रुपए था, परंतु अब इसका शुल्क भी 20 रुपए तय कर दिया है। एग्रीमेंट के लिए भी अब 100 रुपए शुल्क लगेगा। अडोप्शन डीड का शुल्क पहले जहां 100 रुपए था, वहीं अब इसके लिए भी एक हजार रुपए शुल्क चुकाना होगा।
80 लाख रुपए कम जमीन पर चार प्रतिशत स्टांप ड्यूटी
राजस्व कार्यों के शुल्क की बढ़ाई गई दरों में सबसे अहम निर्णय सेल डीड के शुल्क का माना जा रहा है। एक तरह से इस शुल्क के लिए सरकार ने कैपिंग कर दी है। ऋण लेने पर भूमि मोर्टगेज करवाने पर अब ऋण की राशि पर 0.05 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी लगेगी। उधर, जिला राजस्व अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि विभिन्न राजस्व कार्यों के लिए स्टांप ड्यूटी में बढ़ोतरी की गई है।