चंबा, 27 जुलाई: जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले कार्तिकेय शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि उपभोक्ताओं को पोषक तत्व जैसे लौह तत्व, विटामिंस, फोलिक एसिड के कारण होने वाले शारीरिक विकारों से बचने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले द्वारा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत फोर्टीफाइड खाद्य वस्तुओं का वितरण किया जा रहा है। जिसमें फोर्टीफाइड गंदम आटा, फोर्टीफाइड खाद्य तेल और डबल फोर्टीफाइड खाद्य नमक का वितरण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि फोर्टीफाइड खाद्य नमक में मुख्यतः आयोडीन के साथ साथ लौह तत्व तथा अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसका प्रतिदिन आहार में इस्तेमाल करने से रक्त में लौह तत्व की मात्रा संतुलित बनी रहती है तथा इसकी कमी से होने वाले एनीमिया जैसी नामक बीमारी से शरीर को बचाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि फोर्टीफाइड खाद्य नमक में लौह तत्व के अतिरिक्त आयोडीन को भी मिश्रित किया जाता है। जो शरीर में थायोरिक्सन नामक हार्मोन की मात्रा को संतुलित रखता है जिस कारण गले में होने वाले घैंघा नामक विकार से बचा जा सकता है । उन्होंने बताया कि फोर्टीफाइड खाद्य नमक में लौह तत्व तथा आयोडीन को अक्रिय शील बनाने के लिए लौह तत्व को छोटे-छोटे एनकैप्सूलेटेड रूप में नमक में मिश्रित किया जाता है जो कि नमक में छोटे छोटे काले काले कणों तथा रेत के कणों के रूप में नजर आते हैं जो एनकैप्सूलेटेड लौह तत्व के कण ही होते हैं।
उन्होंने बताया कि फोर्टीफाइड खाद्य नमक में लौह तत्व होने के कारण भोजन के रंग में परिवर्तन हो सकता है और सामान्य भोजन हल्का काला प्रतीत होता है । उन्होंने बताया कि नमक को हमेशा बंद डिब्बे में रखना चाहिए ताकि नमक को नमी एवं धूप से बचाया जा सके और पोषक तत्वों की मात्रा संतुलित रहे। उन्होंने आम जनमानस से आग्रह किया है कि उचित मूल्य की दुकानों में मिल रहे फोर्टीफाइड नमक गंदम आटा, चावल व खाद्य तेल के प्रयोग में किसी भी प्रकार का संकोच ना करें क्योंकि उक्त खाद्य पदार्थों में पोषक तत्व संतुलित मात्रा में विद्यमान रहते हैं।