विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर आज सोलन ज़िला के कण्डाघाट स्थित राजकीय पाॅलीटेक्निक संस्थान में एक ज़िला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यवाहक ज़िला कार्यक्रम अधिकारी सोलन कविता गौतम ने कहा कि इस वर्ष मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का विषय ‘वर्ष 2030 तक मासिक धर्म को जीवन का एक सामान्य तथ्य बनाना’ है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता के दौरान अच्छी स्वच्छता महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म एक वैज्ञानिक तथ्य है और इस संबंध में विभिन्न भ्रांतियों को दूर करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में 1.8 बिलियन से अधिक महिलाओं को हर माह अपरिहार्य मासिक धर्म होता है।
ज़िला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता के साथ-साथ मासिक धर्म की जरूरतों को जानना सभी के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता एक बुनियादी अधिकार है और इस दिशा में जागरूकता महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के आयोजन पर शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर पूरे ज़िलें में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
आज आयोजित कार्यशाला में पाॅलीटेक्निक संस्थान के 195 छात्राओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी एवं नारा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। विजेताओं को क्रमशः 500, 300 व 200 रुपये के नकद पुरस्कार दिए गए। कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग से डाॅ. तरनजीत कौर ने मासिक धर्म स्वच्छता, आयुष विभाग से डाॅ. आशा मंधानिया ने किशोरियों और महिलाओं के लिए एनीमिया प्रबंधन विषय पर जानकारी दी। कार्यशाला में बताया गया कि मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं अपितु एक प्राकृतिक क्रिया है और इस विषय में महिलाओं एवं लड़कियों को बात करने में संकोच नहीं करना चाहिए।
कार्यशाला में आगंनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा मासिक धर्म स्वच्छता विषय पर एक लघु नाटिका का आयोजन किया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता राजकीय पालीटेक्निक संस्थान के प्रधानाचार्य ने की। कार्यक्रम का प्रबंधन डा. रुचि एवं निशा कुमारी ने किया।