Tuesday, November 5, 2024

सिरमौर ज़िला में 22 मार्च से 3 अप्रैल तक मनाया जाएगा पोषण पखवाड़ा -डीसी सिरमौर

- Advertisement -

नाहन 22 मार्च। सिरमौर जिला में 22 मार्च से तीन अप्रैल तक पोषण पखवाड़े का बड़े पैमाने पर आयोजन किया जाएगा। इस दौरान शिक्षण व व्यावसायिक संस्थानों, पंचायतों, आंगनवाड़ियों तथा किसानों में परम्परागत अनाज की पैदावार तथा इसके उपयोग के बारे में व्यापक जागरूकता उत्पन्न की जाएगी। यह बात उपायुक्त आर.के. गौतम ने उनके कार्यालय सभागार में पोषण पखवाड़े को मनाने के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक की कार्यवाही का संचालन उप निदेशक कृषि राजेन्द्र सिंह ने किया।
उपायुक्त ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के लोग किचन गार्डनिंग में पारम्परिक अनाज जैसे कोद्रा, चोलाई, कावणी, कुड्डू, बाजरा, जौ जैसे उच्च पोषक तत्व वाले अनाज पैदा करें। इसके लिये उन्होंने कृषि विभाग को काउन्टर अथवा प्रदर्शनियों में बीज उपलब्ध करवाने को कहा। उन्होंने कहा कि समाज में मोटे अनाज के चलन को प्रोत्साहित करना जरूरी है। इस अनाज में सभी आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं और तंदरूस्ती की जरूरतों को भी पूरा करता है।
आर.के. गौतम ने कहा कि स्कूली बच्चों को मोटे अनाज के फायदों के बारे में जागरूक करने के लिये प्रातः कालीन सभा में जानकारी देने के लिये एक अध्यापक को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में आगामी 24 मार्च को सभी स्कूल वीडियो कान्फे्रंसिग से जुड़ेंगे और कृषि विभाग के अधिकारी पारम्परिक अनाज के महत्व व उपयोग बारे जानकारी प्रदान करेंगे। इसी प्रकार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। मिड-डे-मील कर्मियों को भी इसकी जानकारी प्रदान की जाएगी। स्कूलों व काॅलेजों में बच्चों की प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी और आकर्षक पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला के किसानों को भी पारम्परिक अनाजों के उत्पादन के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा उपमण्डल स्तर पर बीज भी उपलब्ध करवाएं जाएंगे।
उपायुक्त ने कहा कि पारम्परिक अनाज के उपयोग बारे जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से काॅलेज के युवाओं की बाईक अथवा साइकल रैली भी निकाली जाएगा। अनाज के गुणों को दर्शाती एक वैन को भी जिला के विभिन्न भागों के लिये नाहन से रवाना किया जाएगा। मेडिकल काॅलेज के प्रशिक्षुओं को भी इस अनाज की व्यापक जानकारी दी जाएगी तथा प्रतिस्पर्धाएं भी आयोजित करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि युवाओं में इस अनाज को अपनाने पर बल रहेगा। उन्होंने कहा कि मोटे तथा पारम्परिक अनाज में प्रचुर पोषक तत्वों के कारण अनेक व्याधियों से निजात मिल सकती है। मधुमेह व उच्च रक्चाप जैसी गंभीर बीमारियों के प्रतिरक्षण में ये अनाज काफी लाभकारी हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Advertisements

Live Tv

न्यू अपडेट
राशिफल
लाइव स्कोर
आज का मौसम

अन्य खबरे

error: Newsday Network Content is protected !! Plz Subscribe Website First