शिमला: विधानसभा चुनाव का परिणाम जारी होने के एक माह बाद आखिरकार आज सुक्खू सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। राजभवन में मंत्रियों की शपथ के लिए शपथ ग्रहण समारोह हुआ। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कार्यवाही का संचालन किया। धनीराम शांडिल ने सबसे पहले मंत्रीपद की शपथ ली। इसके बाद ज्वाली से जीत कर आए चंद्र कुमार ने दूसरे स्थान पर शपथ ली। तीसरे स्थान पर शिलाई से 6 बार जीत कर आए और सुखविंद्र सिंह सुक्खू के करीबी रहे हर्षवर्धन चौहान ने शपथ ली, चौथे स्थान पर जगत सिंह नेगी ने शपथ ली। पांचवें स्थान पर रोहित ठाकुर ने मंत्री पद की शपथ ली। अनिरुद्ध सिंह ने छठे स्थान पर और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने सातवें स्थान पर मंत्री पद की शपथ ली।
शिमला को पहली ही सूची में तीन मंत्री मिले हैं। और सिरमौर के शिलाई विधान सभा को करीब 40 साल बाद मंत्री पद मिला है यहा से हर्ष वर्धन चौहान के पिता गुमान सिंह चौहान पूर्व में मंत्री रहे हैं ! मंत्रियों के तीन पद अभी खाली रहेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने छह विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव और संसदीय सचिवों को शपथ दिलाई। सुक्खू सरकार में छह मुख्य संसदीय सचिव और संसदीय सचिव बनाए गए हैं। सुंदर सिंह ठाकुर को मुख्मयंत्री ने मुख्य संसदीय सचिव की शपथ दिलाई। रामकुमार चौधरी, मोहन लाल ब्राक्टा को भी मुख्य संसदीय सचिव और रामकुमार को संसदीय सचिव की शपथ दिलाई गई।
आशीष बुटेल भी मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए हैं। उन्होंने भी शपथ ली। किशोरीलाल , संजय अवस्थी को भी मुख्य संसदीय सचिव बनाया गया। मुख्य संसदीय सचिव बनाने की पहल वीरभद्र सरकार में शुरू हुई थी। जब मंत्रियों को बनाने की सीमा तय हुई थी कि मुख्यमंत्री के अलावा केवल 11 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं