पांवटा साहिब: आजकल अधिकांश लोग ऐसे हैं जो घर में जानवरों को पालने का शौक रखते हैं और उनकी देखभाल करते हैं। एक तरह से देखा जाएं तो पालतू जानवरों को घर में पालना एक फैशन बन गया है, लेकिन सड़कों और गलियों में घूमने वाले लावारिस जानवरों के बारें में कोई नहीं सोचता। ये जानवर अक्सर किसी-न-किसी कारणवश चोटिल होते रहते हैं तो वहीं कुछ की जिंदगी ही चली जाती है। हालांकि, सरकार और NGO बेसहारा जानवरों की भोजन से लेकर इलाज तक की सभी देखरेख करने के लिए आगे आए हैं। लेकिन आज भी अधिकांश जानवर इलाज़ व भोजन के आभाव से बंचित रह जाते है! ऐसा ही एक वाक्या आज पांवटा साहिब बस स्टैंड के पास सिल्वर ओक होटल के साथ देखने को मिला जहा एक कुत्ता दर्द से तड़प रहा था! देखने पर ज्ञात हो रहा था की किसी ने उस पर हमला किया है या वो किसी कारणवश चोटिल हो गया हो जिससे की उसको कोई गुप्त चोटे आई हो! आते जाते सब देख कर सहनुभूति तो जता रहे थे पर कोई मदद को आगे नही आ रहा था! पर कहते है न की जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है। ये कहावत वार्ड न. 10 से निर्दलीय चुनाव जीत कर आये पार्षद मधुकर डोगरी पर बिल्कुल सटीक बैठती! जिन्होंने उस कुत्ते की हालत देख कर तुरंत मोके पर ही डॉक्टर बुला कर उस बेजुबान कुत्ते का इलाज करवाया! जिसकी देख कर वहा हर कोई व्यक्ति तारीफ कर रहा है!
सारा दिन दुकान पर बैठकर गरीबों की समस्याए सुनते है मदुकर डोगरी
मदुकर डोगरी की दिनचर्या लोगो की समस्याओ को सुनने से साथ ही शुरु होती है! सारा दिन उनकी समस्यायों के निवारण हेतु सरकारी ऑफिस के चक्कर काटना अब इनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है! पहला चुनाव 30 साल पहले 1995 में बतोर निर्दलीये उमीदवार हारने के बाद भी होसला नही टुटा और उसके बाद 2000 से लेकर आज तक निर्लदलीय उमीदवार लगातार जीतते आ रहे है! मदुकर डोगरी वार्ड न. 8 में रहते है पर चुनाव वार्ड न. 9 और 10 से लड़ते है जो अपने आप मैं एक अनोखा रिकॉर्ड है! किसी राजनेतिक पार्टी के सरक्षण के बिना ही लगातार इतने चुनावों बतोर निर्दलीये उमीदवार जीतना किसी की विस्वसनीयता को जाहिर करते है!