न्यूज़ डे नेटवर्क/ शिमला
उपायुक्त शिमला अनुपम ने कहा कि जिला में सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी विभाग तैयार रहें। उन्होंने कहा कि बारिश की कमी के कारण सूखे की स्थिति से होने वाली आगजनी की घटनाओं से जंगलों को काफी नुकसान होता है जिसे प्रभावी समन्वय और तत्परता से कार्य करते हुए रोका जा सकता है। उपायुक्त आज यहाँ बचत भवन में सूखे का आकलन और कम वर्षा के कारण जल की कमी के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जंगल सभी के लिए अमूल्य संसाधन हैं और कोई भी इन्हे बर्बाद होते हुए नहीं देखना चाहता है। इसलिए जंगलों को आग की घटनाओं से बचाने के लिए सभी को बेहतर समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। बैठक में मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस बार शिमला जिला सहित पूरे राज्य में बारिश और बर्फबारी कम हुई है। उन्होंने बताया कि फरवरी माह के अंत में फिर से बारिश और बर्फबारी होने की उम्मीद है।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में प्रथम चरण के तहत हर उपमंडल में एक गांव का चयन किया जाये जहाँ घनी आबादी हो और फायर टेंडर गांव के अन्दर पहुँचाना मुश्किल हो। उन्होंने कहा कि ऐसे गांव में युवाओं को आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाए ताकि अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के पहुँचने तक आग बुझाने का कार्य आरम्भ हो सके और संभावित नुकसान को रोका जा सके। इसके अतिरिक्त, गांव के जंगलों में पानी के टैंक बनाए जाएं ताकि जंगल में आग लगने पर उस पानी को आग बुझाने के लिए इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि नंबरदार प्रशासन और जनता के बीच एक सेतु का कार्य कर सकते हैं इसलिए सभी नंबरदारों के मोबाइल नंबर की अपडेटेड सूची सभी खंड विकास अधिकारियों से साझा की जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आगजनी की घटना होने पर लोग उन्हें सूचित कर सकें। इसके अतिरिक्त, 9 मार्च 2025 को आयोजित होने वाले ग्राम सभा बैठक में आपदा मित्रों को भी बुलाया जाए ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके।
उपायुक्त ने सभी खंड विकास अधिकारियों को मार्च 2025 के दौरान पानी के स्रोतों की सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम के आरम्भ होने से पूर्व सभी जल स्रोतों की सफाई जरूरी है ताकि किसी भी प्रकार के जल जनित रोगों से लोगों की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि कम बारिश की वजह से पानी से सम्बंधित रोग लोगों को जकड सकते हैं इसलिए जल स्रोतों की सफाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जिला में जल की कमी वाले क्षेत्रों की पहचान करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी के टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति की जाएगी वहां वाटर गार्ड तैनात किये जाएं ताकि सभी को बराबर पानी उपलब्ध हो सके।बैठक में कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिला में अभी सूखे जैसे हालत नहीं हैं और सभी फसलें ठीक स्थिति में हैं तथा कहीं से भी किसी प्रकार के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। उन्होंने बताया कि जिला में 80 प्रतिशत फसलों की रोपाई हो चुकी है तथा किसानों को सभी प्रकार के बीज निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से वितरित कर दिए गए हैं। इसी प्रकार, बागवानी विभाग के अधिकारी ने बताया कि कम बारिश की स्थिति को देखते हुए इस बार खेती थोड़ी कम हुई है परन्तु निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक सरकारी आपूर्ति के तहत 75000 पौधे और गैर सरकारी आपूर्ति के तहत डेढ़ लाख से अधिक पौधे किसानों और बागवानों को उपलब्ध करवाए गए हैं। उपायुक्त ने कृषि और बागवानी विभागों को जिला स्तरीय कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए ताकि सूखे की स्थिति होने पर उससे प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। इसके अतिरिक्त, दोनों विभाग किसानों और बागवानों की फसलों का बिमा करवाने के लिए प्रेरित करने का कार्य भी करें।