विश्व बैंक और भारत सरकार द्वारा संचालित रैंप (RAMP) स्कीम के अंतर्गत हि. प्र. उद्यमिता विकास केंद्र (HPCED), उद्योग विभाग, हिमाचल प्रदेश ने राजकीय महाविद्यालय शिलाई को जिला सिरमौर का पहला प्री-ग्रामीण उष्मायन केंद्र (Pre-Rural Incubation Center) घोषित किया। इस केंद्र की कार्यान्वयन एजेंसी “द प्लैनेट एजुकेशन सोसाइटी” द्वारा जिला स्तरीय सेंसिटाइजेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला महाप्रबंधक (उद्योग) सिरमौर, श्री साक्षी सत्ती की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
मुख्य उद्देश्य:
इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। यह विशेष रूप से उन युवाओं को प्रशिक्षित करेगा जो लघु और सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना करना चाहते हैं। साथ ही, केंद्र तकनीकी और व्यावसायिक कौशल में सुधार के लिए उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा।
वर्कशॉप की प्रमुख गतिविधियां:
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई:
• जिला महाप्रबंधक (उद्योग) सिरमौर, श्री साक्षी सत्ती ने छात्रों को स्टार्टअप और उद्यमिता के महत्व पर प्रेरित किया।
• जिला उद्योग विभाग के मैनेजर, श्री ठाकुर भगत सिंह ने ‘मुख्यमंत्री स्टार्टअप/इनोवेशन प्रोजेक्ट्स’ और ‘नई उद्योग योजना’ की जानकारी दी।
• डॉ. अनिल कुमार शर्मा, अध्यक्ष, द प्लैनेट एजुकेशन सोसाइटी, ने प्री-ग्रामीण उष्मायन केंद्र की प्रमुख गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने RAMP Scheme की उपयोगिता, उद्देश्यों और ग्रामीण क्षेत्र में इसकी भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने प्री-ग्रामीण उष्मायन केंद्र के कॉन्सेप्ट को स्पष्ट करते हुए इसके माध्यम से युवाओं को कौशल विकास और उद्यमिता के लिए कैसे सक्षम बनाया जाएगा, इस पर जोर दिया!
इस कार्यशाला में कई अधिकारियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:
• जिला महाप्रबंधक (उद्योग) सिरमौर, श्री साक्षी सत्ती
• जिला उद्योग विभाग के मैनेजर, श्री ठाकुर भगत सिंह
• बीडीओ कार्यालय से श्री सुरेंद्र शर्मा
• द प्लैनेट एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष, डॉ. अनिल शर्मा
• सहायक प्रबंधक, श्री हर्ष कुमार
• कार्यक्रम समन्वयक, श्री अनीश ठाकुर
• सरकारी आईटीआई शिलाई के प्रतिनिधि, श्री प्रदीप चौहान और श्री संदीप
• राजकीय महाविद्यालय शिलाई के स्टाफ सदस्य और अजय जी इसके अतिरिक्त, इस कार्यक्रम में लगभग 100 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन उद्यमिता और स्वरोजगार के लिए जागरूकता और प्रोत्साहन के साथ हुआ। इस पहल से ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भरता और नवाचार की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाने में मदद मिलेगी।