Sunday, January 12, 2025

एनएच 707 के निरीक्षण संबंधी एनजीटी के आदेश के बाद भी गठित टीम बिना जाँच किये बेरंग लौटी, लेकिन निष्पक्ष जाँच पर अड़ा शिकायतकर्ता..

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शिलाई सिरमौर: राष्ट्रीय उच्च मार्ग 707 जो की पाँवटा साहिब से फ़ेडिस पुल तक प्रस्तावित है उसकी जाँच के लिए आई टीम पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया हैं, कयास लगाए जा रहे हैं कि जाँच दल पर भारी दबाव हैं जो 100 करोड़ से ज्यादा के नुकसान को भी दबाना चाह रहे हैं,जाँच को रफा दफा करने कि पूरी कोशिश कि जी रही हैं लेकिन शिकायत करता निष्पक्ष जाँच को अड़ा हैं,राष्ट्रीय उच्च मार्ग 707 पर निर्माण अनियमिताओं से हुए करीब 100 करोड़ के नुकसान क़ी जाँच करने आई टीम एनजीटी के आदेश के बाद भी जाँच किये बगैर वापिस चली गई,राष्ट्रीय उच्च मार्ग 707 पर जाँच कमेटी बिना जाँच किये 3 किलोमीटर सतोन से वापिस चली गई, पीड़ित क्षेत्र के लोग 2 दर्जन से ज्यादा जगहों पर दिन भर इंतजार करते रहे जबकि इस टीम को फेडिसपुल यानि 80 किलोमीटर तक की गई पहली जाँच का पुनः निरीक्षण कर सत्यापन करना था,सतोंन से लेकर फेडिस पुल तक के 80 किलोमीटर क्षेत्र मे दर्जनों जगह ग्रामीण टीम का इंतजार करते रहे कि टीम कब आएगी और लोग अपने नुकसान क़ी जानकारी जाँच टीम को देंगे, लोगों को देर सायं मालूम हुवा क़ी जाँच टीम सतोंन से वापिस चली गई, क्षेत्र के लोगों मे जाँच टीम के प्रति कड़ा रोष हैं, लोगों ने मामले क़ी शिकायत एनजीटी को भेजनें का निर्णय लिया हैं, बतातें चले क़ी सिरमौरी ताल से फेडिसपुल तक 80 किलोमीटर तक क्षेत्र मे निर्माण कम्पनियों ने अधिग्रहण (आरओडब्लु )के बाहर 100 करोड़ से ज्यादा नुक्सान किया हैं, क्षेत्र के समाज सेवी नाथूराम चौहान ने निर्माता कम्पनी के विरुद्ध मामले को नेशनल ग्रीन ट्रीव्यूनल दिल्ली मे दर्ज करवाया था,मई 2024 मे नेशनल ग्रीन ट्रीव्यूनल ने जाँच दल को मौका पर भेजा, मौका पर जाँच के दौरान 80 किलोमीटर इस मार्ग पर 270 प्राकृतिक जल स्त्रोत, 57 हैंडपम्प, 55 उठाऊ पेयजल योजना, 22 सिचाई, कुहले, करीब 160 बीघा लोगों क़ी निजी भूमि के अतिरिक्त वन भूमि, हजारों छोटे पेड़ को नुकसान पहुंचाया हैं, जाँच दल मे मौका पर वन, खनन, पर्यावरण, रिव्ररेंज, बिजली बोर्ड, जलशक्ति विभाग के लोगों के समक्ष मौका पर कम्पनी को फटकार लगाई और नुकसान क़ी पुष्टि हुई, निर्माता कम्पनीयों ने हुए नुकसान क़ी भरपाई करने का आश्वासन दिया हैं,निर्माता कम्पनीयों ने एनजीटी को जबाब दिया कि हुए नुकसान कि भरपाई कर दी गई हैं, टूटी पेयजल लाइनों को री इनस्टॉल कर दिया हैं, शिकायत करता नाथूराम चौहान व क्षेत्र वासियों का कहना हैं कि मौका और स्तिति और बदतर हो गई हैं मौका पर रिइंस्टॉलेश का कोई कार्य नहीं हुवा बल्कि गत दिनो मलबा डाल कर शमाह गांव कि पेयजल लाइन के सोर्स पर मलबा डाल कर उसे नष्ट कर दिया हैं, चार बरसाती खड मे मलबा डाल कर बरसाती आणि के बहाव रोक दिया, जिनमे हेवना खड़, बड़वास खड़, बोहराड खड़, टिंबी खड़, शामिल हैं इन दिनों हेवना खड़, व बोहराड खड़ मे न्यायलय के आदेश के बाद खुलेयाम बारूदी धमाके किये जा रहे हैं, नाथूराम चौहान ने पहली जाँच रिपोट कि पुनः जाँच करने कि गुहार लगाई थी,एनजीटी ने पुनः 80 किलोमीटर कि जाँच कर सत्यापन रिपोर्ट मांगी थी लेकिन जाँच टीम 3 किलोमीटर सतोन तक आई ज़ब उन्हीने मौका कि स्तिथि देखि तो सतोन तक के तीन किलोमीटर के क्षेत्र मे 1 करोड़ से ज्यादा नुकसान ग्रामीणों का तथा 5 करोड़ के करीब नुकसान जल शक्ति विभाग का पाया गया, आगे यह नुकसान बहुत ज्यादा हैं, जाँच टीम सतोंन से वापिस चली गई न जाँच हुई न जाँच का सत्यापन हुवा, नाथूराम चौहान ने बताया कि मामले मे दो दिन बाद सुनुवाई हैं, जिसके लिए यह ड्रामा रच गया था जो जनता के सामने हैं,जाँच दल मौका पर जाने से डर रहा हैं जिससे साफ जाहिर हैं कि सभी लीपापोथी मे लगे हैं लेकिन जन व क्षेत्रहित के लिए वह पीछे नहीं हटेंगे!

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