पाँवटा साहिब: एचआरटीसी को बसो से रूटो पर होने वाले घाटे की ख़बरें तो अक्सर हम सब सुनते ही है परंतु अब तो बस अड्डों के अंदर एचआरटीसी की दुकानों में पिछलें कई वर्षों के जमे दुकानदारों ने भी एचआरटीसी को चुना लगाना शुरू कर दिया है ! जानकारी के अनुसार बस अड्डा पाँवटा साहिब में स्थित एक ढाबा संचालक लंबे समय से हिमाचल पथ परिवहन निगम को किराये की अदायगी नहीं कर रहा हैं। बताया जा रहा है कि इस दुकानदार का एग्रीमेंट भी लंबे समय से खत्म हो चुका हैं। एग्रीमेंट खत्म होने के बाद भी इस दुकानदार से इस मसले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। वहीं, हिमाचल पथ परिवहन निगम की ओर से इस दुकानदार को नियमानुसार नोटिस भी जारी किए। इसके अलावा ऑफिस में बुलाकर भी इस मसले को लेकर चर्चा की। लेकिन इस दुकानदार ने किसी की नहीं सुनीं। बताया जा रहा है कि 2 दुकानो में ढाबा चलाने वाले इस व्यक्ति पर साल 2007 से लेकर आज तक दुकान की लगभग 12 लाख मूल व 4 लाख व्याज़ सहित कुल 16 लाख कि किराया राशि बक़ाया है ! 2 दुकानों का मात्र 10 हज़ार रुपए मासिक किराया होने के बावज़ूद भी ढाबा संचालक ने साल 2007 से अभी तक एचआरटीसी को कोई मासिक किराया नहीं दिया! बावज़ूद इसके एचआरटीसी प्रशासन व सरकार बेसहाये कि तरह हाथ पर हाथ रख कर बैठी है और ढाबा संचालक अब भी एचआरटीसी की दुकान में बैठ कर जम कर चाँदी कूट रहा हैं! अब ये बात समझ से परे है कि इतनी लंबी अवधि से सरकार को कोई किराया नहीं देने के बावज़ूद भी इस व्यक्ति पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है ना ही इसका बिज़ली पानी का कैनेक्शन काटा गया है और ना ही इसको बाहर किया गया! इस पर जब हमने एचआरटीसी कर्मियों से पुष्टि करने की कोशिश की तो उन्होंने बताया की ढाबे वाले पर पैसों की रिकवरी जो लगभग (16 लाख )12 लाख मूल व 4 लाख के आस पास व्याज़ बनता है व दुकान ख़ाली करवाने के लिए PP एक्ट के तहत 2015 से एसडीएम कोर्ट पाँवटा साहिब में बेहद धीमीं गति से केस चल रहा है और वहाँ से डेट पर डेट मिल रही है जिसके बारे में उच्च अधिकारियो को सूचित किया जाता रहा है! यह भी बेहद हैरान करने वाली बात है की एसडीएम पाँवटा साहिब के पास PP एक्ट में यह केस 8 साल से विचाराधीन है और अगली पेशी की अभी तक कोई डेट तक नहीं दी गई है जो कही ना कही अपने आप में सवाल खड़े करता है ! क्योंकी मामला सरकार व जनता के पैसों से जुड़ा है इसलिए इसपर किसी भी अधिकारी व नेता कि दिलचस्पी नहीं दिख रहीं हैं और ढाबा संचालक को एसडीएम कोर्ट से डेट पर डेट मिल रही है !