शिलाई में ज़मीनो का विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है! जब से शिलाई में कॉलेज, एसडीएम कोर्ट, सिविल कोर्ट आदि खुले है तब से बड़ी संख्या में ग्रामीण शिलाई में ज़मीन लेकर बस रहें है! परंतु ज़मीन की रजिस्ट्री होने के बावजूद भी उनको ज़मीन के ततीमें नहीं मिल रहें है! जिससे आगे चलकर भूमि बेचने वालों की नीयत ख़राब हों रही है और वो अपने परिवार के दूसरे सदस्य को आगे कर के ज़मीन पर विवाद पेदा कर रहे हैं! और ज़मीन ख़रीदने वालों को पैसों और ज़मीन दोनों से हाथ धोना पड रहा हैं! ऐसी ही घटना सुंदर सिंह शर्मा गाँव धकौली शिलाई के साथ पेश आयी है जिससे इनको अपनी जीवनभर की पूँजी से ख़रीदी गई ज़मीन से हाथ धोना पड़ा है! सुंदर सिंह शर्मा ने शूपा राम गाँव शिलाई से 1990 के आसपास शिलाई बाज़ार में (वर्तमान में RSVN स्कूल के पास) 2 बिस्वा ज़मीन ख़रीदी थी व 5 विश्वा ज़मीन शिलाई गाँव के स्वर्गीय बहादुर सिंह जेलदार ने ली थीं! बहादुर सिंह जी ने तत्काल ज़मीन की रजिस्ट्री शूपा राम से ले ली थी जबकि सुंदर सिंह शर्मा ने पैसों के अभाव के कारण उस समय रजिस्ट्री करवाने में यह कह कर असमर्थता जतायी थी की जब पूरे पैसे दे दूँगा तो रजिस्ट्री करवा लूँगा! शूपा राम ने बहादुरसिंह को रजिस्ट्री दे दी और सुंदर सिंह शर्मा को ज़मीन का सिर्फ़ कब्जा दिया! कुछ समय बाद शूपा राम की मृत्यु हो गई और बहादुर सिंह ने भी अपनी 4 बिस्वा ज़मीन नीरा पत्नी बलराज चौधरी को बैच दी जिसको की बाद में उन्होंने भी यह 4 बिस्वा ज़मीन सीता राम शर्मा को बेची जिसमें वर्तमान में Rsvn स्कूल बना है! सुंदर सिंह शर्मा के पास स्कूल के साथ एनएच 707 के साथ लगती 2 विस्वा ज़मीन का कब्जा था जिसकी रजिस्ट्री उन्होंने 1997 में शूपा राम के बड़े बेटे जगदीश चंद से बक़ाया रक़म देकर ली और उस ज़मीन पर तीन कच्चे मकान बनाये! 26 साल तक ये ज़मीन सुंदर सिंह के पास ही थी और इसमें कोई विवाद नहीं था! परन्तु 21 अक्टूबर को जब कोर्ट की अगले 10 दिन दशहेरा की छुट्टियाँ पड़ी तो रमेश नेगी दुलाइक पूर्व प्रधान गाँव शिलाई ने शूपा राम के दो छोटे बेटो अनिल और सुनील गाँव शिलाई को ये बोलकर भड़का दिया की सुंदर सिंह के पास जो 2 बिस्वा ज़मीन में 42 फ़िट रोड पर फ़्रंट है वह हम मिलकर उनसे छिन सकते है क्यों की एक तो वो मुश्तर का खाता है इसका ततीमा नहीं होता और दूसरा शिलाई में ज़मीन के रक़बे अपने स्थान पर नहीं और इनका ये नंबर भी कागजो में थोड़ा नीचे खिसका हुया हैं जिससे ये कोर्ट भी नहीं जा पायेंगे और हम बलपूर्वक उनकी ज़मीन पर कब्जा कर लेंगे चुकि अभी 10 दिन कोर्ट भी बंद है तो उसमें स्टे भी नहीं हो पाएगा और जब तक कोर्ट खुलेगा तब तक हम उनका कब्जा गिरा कर अपना पक्का कब्जा कर देंगे! इसके बदले में रमेश ने दो दुकानों की 20 फ़िट जगहें अपने लिए व 20 फ़िट जगह अनिल और सुनील के लिए में डील फ़ाइनल की ! और तीनों ने गाँव के 10-15 युवा अपने साथ लेकर अपने रिश्तेदार दिनेश चौहान गाँव शीला की जेसीबी मशीन 21 अक्टूबर को रात 11 बजे सुंदर सिंह शर्मा की ज़मीन पर लगा दी और उसपर पुराने 3 कच्चे बने मकान गिरा दिये! सुंदर सिंह शर्मा ने ज़मीन बचाने के लिए बहुत हाथ पैर मारे एसएचओ शिलाई, डीएसपी पाँवटा साहिब, एडिशनल एसपी सिरमौर मंत्री हर्षवर्धन चौहान आदि तक से गुहार लगायी परंतु सब ने ये कह कर पल्ला झाड़ दिया कि ज़मीनी विवाद में हम कुछ नहीं कर सकते! अपनी ज़मीन बचाने के लिए उन्होंने धकौली व शिलाई गाँव के बहुत से लोगो से सहायता माँगी परंतु उनको निराशा ही हाथ लगी कोई भी लड़ाई झगड़े में नहीं पड़ना चाहता था! अतः थक हार कर लास्ट में उन्होंने रमेश नेगी पूर्व प्रधान व अनिल के आगे हाथ जोड़े और अपनी ज़मीन वापिस छोड़ने की गुज़ारिश करते रहें परंतु उन्होंने 2 विश्वा ज़मीन नीचे खाले में उनको दी और फ़्रंट में मात्र 10 फ़िट जगह ही उनको देकर बाक़ी का 40 फ़िट फ्रंट ख़ुद रख लिया! इस तहत सुंदर सिंह शर्मा की 26 साल पहले ली ज़मीन जिसकी आज क़ीमत लाखों में थी उनके हाथ से चली गई!