सिरमौर के प्रमुख धार्मिक स्थल एवं सिरमौर जिला की सबसे ऊंची चूड़धार चोटी पर पहली बर्फबारी के बाद साथ लगते नागरिक उपमंडल संगड़ाह, राजगढ़ व चौपाल आदि इलाकों में सर्दियों ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है। आमतौर पर यहां अक्तूबर के अंत और नवम्बर के शुरुआती दिनों में बर्फबारी होती थी मगर इस बार समय से पहले बर्फबारी से आने वाले दिनों में लोग प्रचंड शीतलहर का आशंका जता रहे हैं।
चोटी पर सोमवार को दूसरे दिन लगातार बारिश के चलते बर्फबारी का दौर जारी रहा और एक फुट के करीब हिमपात हो गया है। शिरगुल महाराज चूड़धार के कपाट बंद होने के बाद परम्परा के अनुसार अप्रैल माह में बिशुड़ी कहलाने वाले बैसाखी पूजन के साथ खुलते हैं, हालांकि प्रशासन द्वारा इस बारे अधिसूचना आम तौर पर 30 नवंबर को जारी की जाती है। चूड़धार में मौजूद यात्री सराय सहित हालांकि मंदिर व साथ लगता वन्य प्राणी क्षेत्र सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आता है। मगर दशकों से मंदिर प्रशासन व संचालन का जिम्मा शिमला जिला के SDM चौपाल देखते हैं।