पांवटा साहिब में पूर्व सरकार ने एचआरटीसी का सब-डिपो तो खोल दिया गया। लेकिन तीन वर्ष बाद भी कोई खास सुविधाएं यहा नहीं बढ़ पाई है। बस रूट की संख्या तो दूर यहां तक की कैशियर, ट्रैफिक प्रबंधक (टीएम), गैराज मिस्त्री तक की संख्या भी नहीं बढ़ाई जा रही है। जबकि अंतरराज्जीय सीमा पर होने के कारण पांवटा साहिब बस स्टैंड पर यात्रियों व श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं। बस स्टैन्ड पॉवटा साहिब के बिल्कुल साथ लगते होटल सिल्वर ओक के मैनेजर प्रदीप शर्मा, राकेश ठाकुर, अमित ठाकुर, बंटी, आम आदमी पार्टी के जिला सिरमौर अध्यक्ष विरेन्द्र कन्याल ने बताया की हिमाचल पथ परिवहन निगम सब डिपो पांवटा साहिब की घोषणा 2020 में कर दी गई थी। 25 सितंबर 2021 को इसका उद्घाटन भी कर दिया गया था। इसके बाद लोगों के लिए नए बस रूट बढ़ाए जाने, नियमानुसार सहायक प्रबंधक, कैशियर, परिवहन प्रबंधक, क्लर्क, गैराज शुरू होने और गैराज के मिस्त्रियों की संख्या बढ़ाने तथा नए बस स्टैंड भवन में बेहतर सार्वजनिक शौचालय व स्नानागार सुविधा शुरू होने की पूरी उम्मीद बंधी थी लेकिन बस डिपो का बोर्ड टांगने से आगे कोई भी बात या सुविधाएं नहीं बढ़ सकीं।
गुरु की नगरी पांवटा साहिब अंतरराज्यीय सीमा पर होने के चलते, ऐतिहासिक गुरुद्वारा व अन्य धार्मिक स्थलों के लिए हर माह लाखों श्रद्धालु व पर्यटक पहुंचते हैं। नए रूट बढ़ाया जाना तो दूर, कैशियर का पद तक नहीं भरा जा सका है। तीन वर्षों बाद भी पांवटा से रोज कैश जमा करवाने नाहन डिपो में जाना पड़ता है। नियमानुसार पांवटा साहिब सब डिपो की अपनी कार्यशाला अलग होनी चाहिए लेकिन पांच की जगह अब भी मात्र दो मिस्त्री हैं। बसों में ज्यादा काम होने पर कार्यशाला के लिए बसें अब भी नाहन डिपो की कार्यशाला में भेजनी पड़ती है जिससे सबसे ज्यादा दिक्कतें पुरानी बसों को मरम्मत करवाने को होती रही है। लोगों काे नर्ई सरकार से काफी उम्मीदें हैं। यात्रियों व लोगों की सुविधा के लिए सब डिपो में नियमानुसार पदों को भरने और सुविधाओं में इजाफा करना की मांग रखी गई है।
बस अड्डा पांवटा साहिब के प्रभारी मदन शर्मा ने कहा कि रिक्त पदों और समस्याओं के बारे में समय समय पर एचआरटीसी के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है। सार्वजनिक शौचालय शीघ्र शुरू करवाने को जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को कई बार सूचित किया गया है जिससे सीवरेज लाइन दुरूस्त कर शीघ्र यात्रियों की सुविधा के लिए नए बने शौचालयों को शुरू करवाया जा सके।
यात्रियों की सुविधा के प्रति गंभीर नहीं स्थानीय प्रशासन
एचआरटीसी और स्थानीय प्रशासन को देश विदेश से पहुंचने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधाएं प्राथमिकता पर रखनी चाहिए लेकिन लापरवाही का आलम ये है कि तीन वर्षों बाद भी नए बस स्टैंड परिसर में बने 5-5 सार्वजनिक शौचालय, एक-एक स्नानागार और करीब आधा दर्जन यूरिन सीट से तैयार आधुनिक महिला-पुरुष शौचालयों में ताले जड़े हुए हैं। जलशक्ति विभाग को निगम की तरफ से करीब चार लाख राशि जमा होने के बावजूद सीवरेज लाइन सुविधा से नहीं जोड़ा जा सका है जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं हैं।