शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इंस्पेक्टर मान सिंह को डीएसपी के पद पर पदोन्नत किए जाने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने पुलिस विभाग को आठ हफ्तों में दोबारा डीपीसी करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता को निर्धारित तिथि से सभी सेवा लाभ के साथ पदोन्नत किया जाए। याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने यह निर्णय सुनाया।
याचिकाकर्ता की नियुक्ति वर्ष 1974 में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर हुई थी। 1981 में उसे हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया। 1998 में याचिकाकर्ता को इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नत किया गया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि याचिकाकर्ता से कनिष्ठ कर्मचारियों को डीएसपी के पद पर पदोन्नत किया गया है जबकि, याचिकाकर्ता मान सिंह को यह लाभ देने से इंकार के दिया गया।
विभाग की ओर से दलील दी गई कि याचिकाकर्ता को पहले ही आरक्षण का लाभ दिया गया है। पदोन्नत करते समय याचिकाकर्ता को दोबारा से आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। अदालत ने पाया कि विभाग ने याचिकाकर्ता से कनिष्ठ कर्मचारियों को डीएसपी के पद पर पदोन्नत किया है।
अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि याचिकाकर्ता को उसकी वरीयता के आधार पर पदोन्नत किया जाना चाहिए था। अदालत ने पाया कि विभाग ने वरीयता के आधार पर डीएसपी के पद पर तदर्थ सेवा का लाभ देते हुए पदोन्नत किया गया और उनकी शैक्षणिक योग्यता में छूट दी गई। याचिकाकर्ता को भी यह लाभ दिया जाना चाहिए था। अदालत ने याचिकाकर्ता की दलीलों से सहमति जताते हुए यह निर्णय सुनाया।
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