हिमाचल वह उत्तराखंड के आराध्य देव चालदा महासू महाराज का पहली बार हिमाचल प्रवास आगामी नवंबर माह में निर्धारित है! इस वर्ष उनका आगमन शिलाई के गाँव पश्मी में हो रहा है शिलाई वह आसपास के क्षेत्र में उनके आगमन को लेकर ख़ासा उत्साह का माहौल है! पश्मी गाँव में उनके आगमन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है! महासू महाराज के नये मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और आगामी 13 अप्रैल को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा वह शिखा पूजन होना है इसी कड़ी में मंदिर समिति पशमी के सदस्यों ने शिमला जाकर मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुखु उप मुख्य मंत्री श्री अग्निहोत्री, उद्योग मंत्री श्री हर्ष वर्धन चौहान , शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामणीन विकास विभाग मंत्री अनिरुद्ध ठाकुर , विधान सभा उपाध्यक्ष श्री विनय कुमार , विधायक अजय सोलंकी को महासु मंदिर प्रतिष्ठा वह शिखा पूजन पश्मी में शामिल होने का निमंत्रण दिया! आपको बता दें कि सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र के पश्मी गांव में भव्य और ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण स्थानीय ग्रामीणों ने अपनी सीमित आय और गहरी आस्था के बल पर किया है। यह मंदिर पारंपरिक हिमाचली वास्तुकला और लकड़ी की उत्कृष्ट नक्काशी का अद्वितीय उदाहरण है। इसकी हर संरचना और विवरण अत्यंत आकर्षक है और शिल्प-कौशल का उत्कृष्ट प्रतीक है। मंदिर की स्वर्णिम आभा और नक्काशीदार लकड़ी इसकी पहचान और अद्वितीयता को परिभाषित करते हैं। यह स्थान पांशी शांठी के मुलूक राजा छतरधारी चालदा महासू महाराज जी के बरवांश, यानी अगले पड़ाव, के आयोजन का केंद्र बनेगा। चालदा महासू महाराज जी संभवतः मंगशीर (नवंबर) में यहां विराजमान होंगे और अगले 1 वर्ष तक इस मंदिर को अपना मुख्य स्थल बनाएंगे। सिरमौर के इतिहास में यह पहली बार होगा जब किसी मंदिर को इतना बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व प्राप्त हो रहा है। यह मंदिर न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि जौनसार-बावर, बंगाण, देवघार, शिमला जिले और आसपास के क्षेत्रों के 30-40 गांवों से आने वाले भक्तों के लिए भी एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र बनेगा