कपिल शर्मा/पांवटा साहिब। समाजसेवी नाथू राम चौहान ने पांवटा साहिब में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान नेशनल हाईवे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से यह मुद्दा उठाते आ रहे हैं कि राजमार्ग परियोजनाओं में सलाहकार (कंसल्टेंट) ही सबसे बड़ी कड़ी कमजोरी साबित हो रहे हैं।
नाथू राम चौहान ने कहा, “मैं लगातार कहता आया हूँ कि सलाहकार ही चोर है। सड़क निर्माण की योजनाओं को जमीनी हकीकत को समझे बिना तैयार किया जाता है। इस वजह से करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद सड़कें टिकाऊ और सुरक्षित नहीं बन पातीं।”
प्रेस वार्ता के दौरान नाथू राम चौहान ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का एक वीडियो क्लिप भी चलाया। उसमें गडकरी स्वयं यह स्वीकार करते दिखाई दिए कि नेशनल हाईवे की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने वाली कंपनियां और अधिकारी अक्सर घरों में बैठकर नक्शों की मदद से कागज़ी रिपोर्ट बना देते हैं। उन्हें ग्राउंड लेवल पर क्या स्थिति है, इसकी जानकारी ही नहीं होती। मंत्री के अनुसार, यही वजह है कि कई परियोजनाएं नाकाम हो जाती हैं।
नाथू राम चौहान ने कहा कि यह केवल उनका निजी आरोप नहीं है बल्कि अब खुद देश के परिवहन मंत्री ने भी इसे स्वीकार किया है। उन्होंने याद दिलाया कि यह मुद्दा उन्होंने आज पहली बार नहीं उठाया। “मैंने 7 मार्च 2022 को मंडी में भी यही बात सार्वजनिक रूप से कही थी। आज वही बात केंद्रीय मंत्री गडकरी जी भी कह रहे हैं। इससे साफ है कि मेरी आशंका सही थी कि हाईवे निर्माण की असफलता की जड़ में सलाहकार और उनकी कार्यप्रणाली है।”
नाथू राम चौहान बताया कि नेशनल हाईवे जैसी अहम परियोजनाओं में अगर शुरुआत से ही सही सर्वे और जमीनी अध्ययन हो तो न केवल सड़कें मजबूत बन सकती हैं बल्कि जनता का समय, धन और जान—तीनों सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसी लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में जनता की गाढ़ी कमाई व्यर्थ न जाए।