पांवटा साहिब/नई दिल्ली, 17 दिसंबर: जगाधरी और पांवटा साहिब के बीच प्रस्तावित नई रेल लाइन के माध्यम से औद्योगिक और धार्मिक पर्यटन के विस्तार का सपना देख रहे क्षेत्र के लोगों को केंद्र सरकार से बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा में सांसद सुश्री इंदु बाला गोस्वामी द्वारा उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल इस परियोजना के निर्माण कार्य को शुरू करने की कोई योजना नहीं है।
सर्वे पूरा, पर ट्रैफिक का आकलन पड़ा कम
रेल मंत्री ने सदन को सूचित किया कि जगाधरी से पांवटा साहिब के बीच 62 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाने के लिए आवश्यक तकनीकी और रणनीतिक सर्वे का कार्य रेलवे द्वारा पूरा कर लिया गया है। हालांकि, सर्वे की रिपोर्ट में इस रूट पर ट्रैफिक का आकलन (Traffic Projection) काफी कम पाया गया है। मंत्री के अनुसार, वर्तमान परिस्थितियों में इस रेल लाइन पर यात्रियों और माल ढुलाई की संभावना उतनी नहीं है, जो परियोजना को वित्तीय रूप से व्यावहारिक बना सके।
किन मानकों पर रुकती है रेल परियोजना?
अश्विनी वैष्णव ने सदन में रेलवे की नीति स्पष्ट करते हुए बताया कि किसी भी नई रेल परियोजना की मंजूरी केवल सर्वे के आधार पर नहीं, बल्कि कई कड़े मानकों के आधार पर दी जाती है। इसमें मुख्य रूप से: रूट की आर्थिक लाभप्रदता (Profitability): परियोजना से होने वाली आय और लागत का अनुपात। ट्रैफिक का घनत्व: भविष्य में यात्रियों और व्यापारिक माल की आवाजाही की संभावना। मौजूदा लाइनों पर दबाव: क्या नया रूट पुरानी भीड़भाड़ वाली लाइनों का बोझ कम करेगा। रेलवे की अपनी जरूरतें: सामरिक और परिचालन की दृष्टि से रूट का महत्व।
औद्योगिक और धार्मिक पर्यटन को लगती उम्मीदें
विदित रहे कि पांवटा साहिब एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र होने के साथ-साथ सिखों का पवित्र धार्मिक स्थल भी है। स्थानीय लोग और उद्यमी लंबे समय से इस रेल लाइन की मांग कर रहे थे ताकि क्षेत्र का सीधा जुड़ाव देश के अन्य हिस्सों से हो सके। सर्वे पूरा होने के बाद निर्माण कार्य न शुरू होने की खबर ने क्षेत्र की उम्मीदों पर फिलहाल पानी फेर दिया है।


