एनएच 707 पाँवटा साहिब-शिलाई-हाटकोटी का निर्माण कार्य प्रगति पर है लेकिन इस नेशनल हाईवे पर कोई ना कोई विवाद आए दिन होते ही रहते है कभी ब्लास्टिंग को लेकर तो कभी अवैध डंपिंग को लेकर यहा काम करने वाली कंपनिया अक्सर सुर्खियों में रहती है! इस बार भी मामला तिलोरधार के समीप श्माह गांव का जहाँ आज गाँव की सभी महिलाओं ने अपने बच्चो सहित एकत्रित होकर सड़क पर चक्का जाम किया उनका आरोप है की इस पॉइंट पर काम करने वाले ठेकेदार सड़क से निकलने वाले मलवे को गाँव के नालो- गाढ़ में गिरा रहे हैं जो गाँव के लिए पानी के प्रमुख स्रोत हैं इसमें मलवा डालने से ये स्रोत धीरे धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं जिससे गांव में पीने के पानी की समस्या पैदा हो गई है! गाँव की महिलाओं ने बताया कि 3 माह पूर्व में गांव के सभी लोगों ने प्रशासन से मिलकर इस समस्या से अवगत करवाया था तथा उन्हें आश्वासन मिला था कि ठेकेदार को जल्द ही गिराये गये मलवे को हटाने के आदेश दिये गए थे परंतु पहले गिराये गए मलवे को हटाना तो दूर ठेकेदार द्वारा प्रतिदिन उनके नालो-खालो में निरंतर मलवा फेका जा रहा है! जिससे विरोध में आज गाँव की सभी महिलाएं यहा एकत्रित हुई हैं! हमारी प्रशासन से माँग है कि जल्द ही गिराये गए मलवे को हटाया जाये और आगे से यहा पर मलवा ना डाला जाये! जिस विषय पर जब हमने समाजसेवी नाथू राम चौहान से बात की तो उन्होंने बताया कि इस एनएच पर कुल 270 नालो-खालो पर पानी के स्रोत थे जिसे एनएच पर काम करने वाली कंपनियों ने नष्ट कर दिया है केवल मात्र श्माह खाला है बचा हुआ था! जिसका उपयोग ग्रामीण पीने के पानी के लिए कर पा रहे है अब इसमें भी मलवा डाल कर इसको भी नष्ट करने की कोशिश की जा रही है! एनजीटी में केश चलने के बाद भी कंपनी लगातार नियमों का उल्लंघन करती आ रही है ! उसमे डर नाम की कोई चीज़ नहीं है पता नहीं यह किसकी शह पर किया जा रहा है इसके पीछे कौन सी राजनैतिक ताक़त है जो अपने ही लोगों को गंभीर समस्या में डाल रहे है!