शिमला। हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एचआरटीसी) की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। निगम पर आए आर्थिक संकट के कारण कर्मचारियों और पेंशनर्ज की सैलरी अब पूरी तरह सरकार की मदद पर निर्भर हो गई है। बरसात के ढाई महीनों में निगम को प्रदेशभर में करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जिससे निगम की आय पर गहरा असर पड़ा है।
वित्तीय तंगी के चलते अगस्त माह की पेंशन सितंबर में पेंशनर्ज को नहीं मिल पाई, वहीं अक्टूबर महीने का वेतन भी अभी तक जारी नहीं किया गया है। निगम ने इस स्थिति में वैकल्पिक कदम उठाते हुए केवल 65 वर्ष से अधिक आयु वाले पेंशनर्ज को ही पेंशन जारी की है, जबकि बाकी पेंशन लंबित है।
निगम के करीब 8500 पेंशनर्ज हैं। हर महीने निगम को 46 करोड़ रुपए वेतन और 23.50 करोड़ रुपए पेंशन के लिए चाहिए होते हैं। सितंबर माह में सरकार ने निगम को 56 करोड़ रुपए का ग्रांट इन एड जारी किया था, जो वेतन वितरण में ही खर्च हो गया। इसके बाद निगम के पास पेंशन के लिए राशि नहीं बची।
एचआरटीसी प्रबंधन ने राज्य सरकार से अतिरिक्त वित्तीय सहायता की मांग की है ताकि दीवाली से पहले सभी कर्मचारियों और पेंशनर्ज को समय पर वेतन व पेंशन दी जा सके। निगम प्रबंधन का कहना है कि यदि समय पर बजट नहीं मिला, तो आगामी महीनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।


